स्वामी ने नागरिकता से संबंधित पुराने बयानों को लेकर कांग्रेस को घेरा

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 नई दिल्ली, 11 दिसम्बर (आईएएनएस)| भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने बुधवार को राज्यसभा में विपक्षी कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि 1947 में कांग्रेस ने पाकिस्तान के गैर-मुस्लिमों को नागरिकता देने का प्रस्ताव पारित किया था।

  उन्होंने विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 के खिलाफ उन दलीलों का भी कड़ा विरोध किया, जिसमें कहा गया है कि यह विधेयक संविधान की भावना के खिलाफ है और एक धर्म विशेष के खिलाफ भेदभावपूर्ण तरीके से लाया जा रहा है। स्वामी ने कहा कि अनुच्छेद-14 इस संशोधन को नहीं रोकता।


उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी उद्धृत किया, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है और इसलिए इन लोगों को शरण देना सरकार का नैतिक कर्तव्य है।

स्वामी ने दावा किया कि असम के तत्कालीन मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को एक ज्ञापन सौंपकर आग्रह किया था कि जो धार्मिक अल्पसंख्यक उत्पीड़न के कारण भाग आए हैं, उन्हें विदेशी नहीं मानते हुए नागरिकता दी जानी चाहिए।

विधेयक में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से उत्पीड़न का सामना करने के बाद भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है।


(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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