गणतंत्र दिवस झांकी से बंगाल हुआ बाहर, TMC ने लगाया केंद्र पर बदले की भावना से काम करने का आरोप

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और भाजपा के बीच टकराव किसी से छुपा हुआ नहीं है। अक्सर दोनों दल एक दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोले रहते हैं। एक बार फिर भाजपा और TMC आमने-सामने हैं। वजह है इस साल के गणतंत्र दिवस समारोह के परेड में पश्चिम बंगाल की झांकी को जगह नहीं मिलना। TMC ने जहां इस मामले में केंद्र सरकार पर बदले की भावना से काम करने का आरोप लगाया है वहीं भाजपा ने बंगाल सरकार पर नियमों और प्रक्रिया का ठीक से पालन नहीं करने का आरोप लगाया है।

गणतंत्र दिवस 2020 (Republic Day 2020) के लिए पश्चिम बंगाल की झांकी के प्रस्ताव को केंद्र सरकार द्वारा खारिज किए जाने के बाद तृणमूल कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। गणतंत्र दिवस परेड (Republic Day Parade) में पश्चिम बंगाल की झांकी को शामिल नहीं किए जाने पर ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। टीएमसी ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे राज्य के लोगों का अपमान बताया है। साथ ही पार्टी ने कहा कि नागरिकता कानून का विरोध करने की वजह से सरकार ने झांकी के प्रस्ताव को खारिज किया है।


तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ राज्य में प्रदर्शन के परिणामस्वरूप यह निर्णय लिया गया। उसने इसे राज्य और यहां की जनता का अपमान बताया।

दरअसल, गणतंत्र दिवस 2020 के लिए पश्चिम बंगाल की झांकी के प्रस्ताव को चयन करने वाली एक्सपर्ट कमेटी ने ख़ारिज कर दिया है। इस बार की गणतंत्र दिवस परेड के लिए आए झांकियों के 56 प्रस्तावों में से 22 चुने गए हैं, जिनमें राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के 16 और केंद्रीय मंत्रालयों के छह प्रस्ताव हैं।

वहीं भाजपा ने पलटवार किया और टीएमसी सरकार पर नियमों और प्रक्रिया का ठीक से पालन नहीं करने का आरोप लगाया, जिसके कारण प्रस्ताव खारिज हुआ। मंत्रालय के बयान के अनुसार पश्चिम बंगाल के प्रस्ताव को विशेषज्ञ समिति द्वारा दो दौर की अपनी बैठकों में परीक्षण करने के बाद खारिज कर दिया गया और इसे आगे विचार के लिए नहीं बढ़ाया गया।


वहीं टीएमसी सांसद सौगतो रॉय ने कहा कि बंगाल को बाहर करना घोर भेदभाव होगा। बंगाल एक समृद्ध विरासत का प्रतिनिधित्व करता है और इसका बहिष्कार मोदी-शाह की जोड़ी के पक्षपात को दर्शाता है।

मंत्रालय को राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों से झांकियों के 32 और केंद्रीय मंत्रालयों एवं विभागों से 24 प्रस्ताव मिले थे। मंत्रालय द्वारा जारी बयान बयान में कहा गया है,” पांच बैठकों के बाद उनमें से राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 16 और मंत्रालयों/विभागों के छह प्रस्ताव अंतिम रूप से गणतंत्र दिवस परेड 2020 के लिए चुने गए हैं।

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