कृषि बिल के विरोध में आज देशभर के किसानों का प्रदर्शन जारी है। इसी बीच आरजेडी (RJD) नेता तेजस्वी यादव (Tejaswi Yadav) किसानों की आवाज को बुलंद करने के लिए अपने समर्थकों के साथ सड़क पर उतरे हैं। प्रदर्शन के दौरान तेजस्वी यादव अपने आवास से ट्रैक्टर चलाते हुए प्रदेश पार्टी कार्यालय के लिए निकले हैं।
तेजस्वी यादव ने कहा कि सरकार ने हमारे ‘अन्नदाता’ को ‘निधि दाता’ के माध्यम से कठपुतली बनाकर रख दिया है। ये कृषि बिल किसान विरोधी है। सरकार ने कहा था कि वो 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करेगी, लेकिन ये बिल उन्हें और गरीब बना देगा। इन बिल के जरिए कृषि क्षेत्र का निजीकरण किया जा रहा है।
भारतीय किसान यूनियन (BKU) समेत विभिन्न किसान संगठनों ने शुक्रवार को देशभर में चक्का जाम करने का ऐलान किया है। इसमें 31 संगठन शामिल हो रहे हैं। किसान संगठनों के इस विरोध प्रदर्शन को बिहार में कांग्रेस, RJD, जाप और वामपंथी दलों का समर्थन प्राप्त है।
इससे पहले यानी गुरुवार को तेजस्वी यादव ने कहा था कि NDA सरकार लगातार गरीब और किसान विरोधी फैसले ले रही है। केंद्र की नरेंद्र मोदी की सरकार को संख्या बल का इतना गुमान है कि बगैर किसानों, उनके संगठन और राज्य सरकार से विचार-विमर्श किये कृषि क्षेत्र का भी निजीकरण, ठेका प्रथा और कॉर्पोरेटीकरण कर रही है।
तेजस्वी यादव ने कहा कि लोकसभा में एकतरफ़ा 3 कृषि विधेयकों का पास कराना किसानों के हाथ काटने जैसा है. नेता प्रतिपक्ष ने केंद्र सरकार से किसान विरोधी अध्यादेश को तुरंत वापस लेने की मांग की है। तेजस्वी यादव ने कहा, ” एक सेक्टर बचा था उसे भी मोदी जी ने प्राइवेट कंपनी को बेच दिया। हमलोग विरोध कर रहे हैं।
इस बिल से किसानों को जो लागत आती है उसमें जो बिचौलिया होगा उसको फायदा होगा लेकिन किसानों का शोषण किया जाएगा। खाद नियंत्रण प्राइवेट हाथों में चला जाएगा। ऐसे में हम हर कदम पर किसानों के साथ खड़े रहेंगे और उनकी आवाज को संसद से सड़क बुलंद करने का हरसंभव प्रयास करेंगे।