तेलंगाना बोर्ड के रिजल्ट कई छात्रों और उनके परिवारों के लिए दुःख का कारण साबित हुए। यह दुःख केवल परीक्षा में फेल होने का नहीं बल्कि उसे भी कई ज़्यादा बड़ा है।
तेलंगाना बोर्ड ऑफ इंटरमीडिएट एजुकेशन (TSBIE) ने बोर्ड के 18 अप्रैल को जारी किए। कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षा के नतीजे जारी होने के बाद छात्रों के आत्महत्या करने के मामले सामने आने लगे।
रिजल्ट आने के बाद अपने नंबर से मायूस छात्रों ने आत्महत्या का रास्ता चुना। कहा जा रहा है कि उम्मीद से कम नंबर देख छात्र ऐसा कदम उठा रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार 7 दिनों के भीतर अभी तक 19 छात्रों ने आत्महत्या कर ली है। आये दिन आ रही आत्महत्या की इन खबरों के चलते अभिभावक और छात्र जमकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। लगातार बढ़ते आत्महत्या के मामलों और प्रदर्शन के चलते राज्य सरकार ने अब आदेश दिए कि परीक्षा में फेल घोषित हुए 3 लाख से अधिक छात्रों की उत्तर पुस्तिकाओं को दोबारा चेक किया जाए।
बता दें कि इस वर्ष 9.74 लाख छात्रों ने बोर्ड की परीक्षा दी थी, जिसमें से 3.28 लाख छात्र फेल हो गए है। लेकिन अब फेल हुए छात्रों की उत्तर पुस्तिकाओं का को दोबारा चेक किया जाएगा।
आत्महत्या का ज़िम्मेदार कौन?
तेलंगाना बोर्ड ऑफ इंटरमीडिएट एजुकेशन ने इस साल परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन से लेकर रिजल्ट जारी करने की पूरी जिम्मेदारी ‘Globarena Technologies’ नामक एक प्राइवेट फर्म को दी थी। अब छात्रों और अभिभावकों की तरफ से आरोप लगाए जा रहे हैं कि फर्म की प्रणाली ने हजारों छात्रों को गलती से फेल कर दिया या उन्हें परीक्षा के लिए अनुपस्थित कर दिया, जिससे कुछ छात्रों ने अपने उनुचित रिजल्ट से परेशान होकर ऐसे कदम उठा लिए।
आत्महत्या करने वाले छात्रों के अभिवावकों का कहना है कि उनके बच्चे पढ़ाई में अच्छे थे। इसके बावजूद फेल होना यक़ीन करने लायक नहीं है। रिजल्ट में गड़बड़ी के कारण उन्होंने अपने बच्चो को खो दिया।
बता दें की 12वीं की छात्रा जी. नाव्या को तेलुगू पेपर में 0 अंक मिल थे, जिसके बाद नाव्या ने अपना तेलुगू पेपर रीचेकिंग के लिए दिया।रीचेकिंग होने के बाद नाव्या को उसी पेपर में 99 अंक प्राप्त हुए। इसके बाद तेलंगना के रिजल्ट को लेकर बुधवार को विरोध प्रदर्शन ने जोर पकड़ लिया। ‘Globarena Technologies’ ने स्वयं माना था कि परिणाम घोषित करते वक़्त उनके सॉफ्टवेयर में तकनीकी गड़बड़ियां थीं लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि वे ठीक हो गए थे।
रिपोर्ट के अनुसार तेलंगाना पैरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एन नारायण ने बताया कि, ‘मूल्यांकन प्रणाली में तकनीकी खराबी के कारण अव्वल छात्रों को कुछ विषयों में 5 या 10 अंक दिए गए हैं और सैकड़ों छात्रों को परीक्षा में शामिल होने के बावजूद अनुपस्थित किया गया।’ एसोसिएशन द्वारा एक जनहित याचिका के आधार पर हाईकोर्ट ने मंगलवार को TSBIE में फेल छात्रों की उत्तर पुस्तिकाएं फिर से जांचने को कहा है। वहीं तेलंगाना शिक्षा विभाग ने अदालत को बताया कि इस प्रक्रिया में कम से कम दो महीने लगेंगे।
राज्य सरकार के उत्तर पुस्तिकाओं की दोबारा जांच के आदेश के लिए एक टीम बनाई गयी है, जिसमें तेलंगाना स्टेट टेक्नोलॉजिकल सर्विस के एमडी जी टी वेंकटेश्वर राव, बीआईटीएस, हैदराबाद के डॉ ए वासन और आईआईटी, हैदराबाद के डॉ. निशांत डोंगरी शामिल हैं। यह टीम ‘Globarena Technologies’ के सिस्टम की खामियों की जांच करेगी।