विकास दुबे के संपर्क में आए दारोगा और सिपाही सस्पेंड, मिले कई और अहम सुराग

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Police arrested Vikal Dubey's friend Bablu

आठ पुलिस कर्मियों की हत्या को अंजाम देने वाला हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे (Vikas Dubey) अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है। विकास दूबे को पकड़ने के लिए पुलिस हरसंभव कोशिश कर रही है। पुलिस अधिकारी रोजाना बिकरू गांव पहुंच रहे और घटना में शामिल विकास समेत सभी लोगों का आपराधिक इतिहास खंगाल रहे हैं।

एक खबर के मुताबिक विकास दुबे के संपर्क में चौबेपुर पुलिस थाने के दो दारोगा और एक सिपाही थे। इनकी कॉल डिटेल से इस बात का खुलासा हुआ है। इसके बाद दारोगा कुंवर पाल और कृष्ण कुमार शर्मा समेत सिपाही राजीव को एसएसपी ने तुरंत सस्पेंड कर दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी।


रविवार को विकास दुबे का करीबी दयाशंकर अग्निहोत्री पकड़ा गया था। उसने कबूल किया था कि विकास दुबे ने ही पुलिसवालों पर अंधाधुंध फायरिंग की थी। दयाशंकर ने बताया था कि रेड की खबर विकास को थाने से पता चली थी, जिसके बाद विकास ने 25-30 लोगों को बुलाकर इस घटना को अंजाम दिया।

कानपुर शूटआउट का मास्टरमाइंड विकास दुबे को हुलिया बदलने में बेहद माहिर माना जाता है। ऐसे में पुलिस का उसे पकड़ना आसान नहीं। उसके करीबियों के मुताबिक इस वारदात के बाद दुबे भेस बदलकर दूसरे राज्य में छिपा हो सकता है। वह किसान, चौकीदार या फिर किसी और का रूप धारण कर अपनी पहचान छिपा सकता है।

इससे पहले भी एक बार उसने पुलिस से बचने के लिए ऐसा ही किया था। इधर लखनऊ (Lucknow) के कृष्णा नगर (Krishna Nagar) पुलिस स्टेशन (Police Station) में जबरन वसूली के आरोप में विकास दुबे और उसके भाई दीप प्रकाश दुबे के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।


दबिश पर जाने से पहले रात में थाने से आया था बिजली काटने का फऱमान?

विकास को पकडऩे के लिए पुलिस जब 3 जुलाई की रात के अंधेरे में चौबेपुर थाने के बिकरू गांव पहुंची, तो उससे ठीक पहले ही लाइनमैन ने गांव की बिजली काट दी। घुप्प अंधेरा होने की वजह से पुलिस स्थिति का सही से जायजा नहीं ले सकीं और इसी मौके का फायदा उठाकर विकास के गैंग ने पुलिस पर गोलियों की बौछार कर दी।

यूपी एसटीएफ की जांच में कहा गया है कि चौबेपुर थाने से शिवली सब स्टेशन पर फोन कर गांव की लाइट काटने का आदेश था। इसकी पुष्टि एक बिजली कर्मचारी ने की है। शिवली पॉवरहाउस के एक जेई और लाइन मैन को एसटीएफ ने हिरासत में लिया है। फोन करने वाले ने खुद को पुलिसकर्मी बताकर कहा था कि गांव में बड़ा हादसा हो गया है जल्दी से बिजली काट दो।

एसटीएफ की जांच में यह नंबर चौबेपुर थाने का निकला है। इस खुलासे से अब पुलिस महकमे पर ही सवाल खड़े होने  लगे है कि थाने के कई कर्मचारी विकास को दबिश से संबंधित तमाम जानकारी मुहैया करा रहे थे। नतीजन आठ पुलिस वालों को अपने ही डिपार्टमेंट की मुखबरी की वजह से जान गंवानी पड़ी। हालांकि इस तथ्य की आधिकारिक पुष्टि होनी अभी बाकी है।

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