कोरोनावायरस (Coronavirus) के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जुलूस, शोभायात्रा व सामूहिक आयोजन पर पाबंदी लगाई है। लेकिन उत्तर प्रदेश में अंबेडकरनगर जिले के एक थानेदार की विदाई की एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जो सरकार और खाकी को सवालों के घेरे में खड़े करती है।
दरअसल यहां रिश्वतखोरी के आरोप में हटाए गए एक थानेदार की विदाई बड़े ही शाही अंदाज में की गई। थानेदार की विदाई के लिए बकायदा गाड़ियों का लंबा काफिला सड़कों पर निकला। इस काफिले में यूपी 112 गाड़ी भी शामिल रही। पुलिसकर्मी बिना मास्क के नजर आए।
जिस पुलिस को लॉकडाउन (Lockdown) को सफल बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है वहीं पुलिस खुले आम सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) की धज्जियां उड़ाती दिखाई दी। हालांकि सोशल मीडिया पर इस वीडियो के वायरल होने पर एसपी ने थानेदार को सस्पेंड कर दिया गया है।
किसी थानेदार की विदाई का ऐसा काफिला न होगा,वायरल वीडियो यूपी के अंबेडकरनगर जिले का हैं
विधायक के विद्रोह पर मनोज सिंह को थानाध्यक्ष बसखारी से हटाकर SP ने जैतपुर थाने पर दी तैनाती#लॉकडाऊन में थानाध्यक्ष की विदाई समारोह में 112 की गाड़ी, बिना मास्क हुए शामिल हुए पुलिसकर्मी pic.twitter.com/l5RnNCoDrk
— Aditya Tiwari #Stayhome #Staysafe (@aditytiwarilive) June 4, 2020
यूपी पुलिस ने सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वाले कथित पत्रकार को डाला जेल में
क्या है पूरा मामला?
अंबेडकरनगर के टांडा से बीजेपी (BJP) की विधायक संजू देवी ने अवैध वसूली के आरोप में बसखारी के थानाध्यक्ष मनोज सिंह पर कार्रवाई की मांग की थी। जिसके बाद मनोज सिंह का तबादला कर दिया गया और उनकी तैनापी जैतपुर थाने पर कर दी गई।
इस दौरान पुलिस वाहन 112 पर सवार होकर पुलिसकर्मी शामिल हुए। इस विदाई के जश्न के दौरान ना तो किसी ने मास्क लगाया हुआ था और ना ही किसी तरह की सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होता दिख रहा था। पुलिस ने सिर्फ उस थाने की ही नहीं, बल्कि थाना क्षेत्र की अन्य सरकारी गाड़ियों को बुलाकर इस काफिले में शामिल किया था।
इस दौरान गाड़ियों का हूटर भी बजता रहा। थानेदार के काफिले में प्राइवेट गाड़ी के साथ कई बाइकें भी मौजूद थीं। विदाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। वहीं इस पूरे प्रकरण में एएसपी अवनीश कुमार मिश्र ने जांच कराने की बात कही है।
वर्दी पहने पुलिसकर्मी मोटरसाइकिल (Motorcycle) व जीप (Jeep) को फूलमाला से सजाए हुए थे। सरकारी गाड़ियां ऐसे सड़क पर भ्रमण कर रहीं थी मानों वह किसी नेता के जुलूस में जा रहीं थी।