Guru Nanak Death Anniversary: नानक के वो उपदेश जिसने लोगों का जीवन बदल कर रख दिया

  • Follow Newsd Hindi On  
Guru Nanak Death Anniversary: नानक के वो उपदेश जिसने लोगों का जीवन बदल कर रख दिया

Guru Nanak Death Anniversary: गुरु नानक जी को सिखों का प्रथम ( आदि ) गुरु माना जाता हैं। इनका जन्म 1469 में गुरु पूर्णिमा के दिन हुआ था। इनके अनुयायी इन्हें नानक, नानक देव जी, बाबा नानक और नानकशाह नामों से भी बुलाते हैं।

दार्शनिक, योगी, गृहस्थ, धर्मसु धारक, समाज सुधारक, कवि, देश भक्त और विश्वबंधु जैसे तमाम गुणों के मालिक थे नानक जी। इनकी मृत्यु आज के ही दिन यानी 22 सितंबर को हुई थी। गुरु नानक जी ने अपने जीवन भर में कई ऐसे उपदेश दिए थे जिससे लोगों की ज़िंदगी बदल गई।


नानक जी के द्वारा दिए गए कुछ उपदेश-

1. ईश्वर एक है।

2. सदैव एक ही ईश्वर की उपासना करो।


3. ईश्वर सब जगह और प्राणी मात्र में मौजूद है।

4. ईश्वर की भक्ति करने वालों को किसी का भय नहीं रहता।

5. ईमानदारी से और मेहनत कर के उदरपूर्ति करनी चाहिए।

6. बुरा कार्य करने के बारे में न सोचें और न किसी को सताएं।

7. सदैव प्रसन्न रहना चाहिए। ईश्वर से सदा अपने लिए क्षमा मांगनी चाहिए।

8. मेहनत और ईमानदारी की कमाई में से ज़रूरतमंद को भी कुछ देना चाहिए।

9. सभी स्त्री और पुरुष बराबर हैं।

10. भोजन शरीर को जि़ंदा रखने के लिए ज़रूरी है पर लोभ−लालच व संग्रहवृत्ति बुरी है।

एक किस्सा नानक जी का बहुत प्रसिद्ध है। इस किस्से का जिक्र ‘श्री गुरु ग्रंथ साहिब’ में भी मिलता है। एक बार नानक जी मक्का गए थे। वहां पहुंचने के बाद वो काफी थक गए थे। उन्होंने लेटकर आराम करना शुरु कर दिया। हाजियों की सेवा करने वाला एक खातिम उन्हें देखकर काफी नाराज हुआ। उसने कहा कि तुम्हें दिखता नहीं तुम जिस दिशा में पैर कर के लेटे हो उस दिशा में मक्का है। नानक ने अपना पैर दूसरी दिशा में कर लिया। उन्होंने जिस दिशा में पैर किया काबा उस तरफ आ गया। खातिम ये देख कर हैरान था। उसके बाद नानक ने उससे कहा कि ऊपर वाला हर दिशा में ही वास करता है।

 

सिख ग्रंथों में ऐसा लिखा हुआ मिलता है कि गुरु नानक रोज बेई नदी में स्नान करने जाया करते थे। एक दिन वे स्नान करने के पश्चात वन में अन्तर्ध्यान हो गये। उस समय उन्हें परमात्मा का दर्शन हुआ। परमात्मा ने उन्हें अमृत पिलाया और कहा− मैं सदैव तुम्हारे साथ हूं, जो तुम्हारे सम्पर्क में आयेंगे वे भी आनन्दित होंगे। जाओ दान दो, उपासना करो, स्वयं नाम लो और दूसरों से भी नाम स्मरण कराओ।

(आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पर फ़ॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब भी कर सकते हैं.)