World Refugee Day 2019: क्यों मनाया जाता है विश्व शरणार्थी दिवस? जानें इसका इतिहास और महत्व

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आज दुनिया भर में ‘विश्व शरणार्थी दिवस’ (World Refugee Day) मनाया जा रहा है। हर साल की 20 जून को इस दिन के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन दुनिया भर में शरणार्थियों की मदद की जाती है। साथ ही उनकी स्थिति के प्रति जागरूकता फैलाई जाती है।

हर साल रिफ्यूजी डे के लिए एक थीम तय की जाती है। इस वर्ष की थीम ‘#StepWithRefugees’  है।


क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड रिफ्यूजी डे?

दुनिया भर में एक बड़ी संख्या में शरणार्थी (Refugee) रहते हैं। निरंतर प्रताड़ना, संघर्ष और हिंसा की चुनौतियों के कारण अपना देश छोड़कर उन्हें बाहर भागने को मजबूर होना पड़ता है। कईं देशों में उन्हें पनाह मिल जाती है। वहीं, कई देशों से निकाल भी दिया जाता है। बेशक इन्हें पनाह मिल जाए, लेकिन वो सम्मान और अधिकार नहीं मिल पाते। हर साल ‘वर्ल्ड रिफ्यूजी डे’ मनाने का मुख्य उद्देश्य शरणार्थी के साहस, शक्ति और संकल्प के प्रति सम्मान व्यक्त करना है।

इसके साथ ही इस दिन को मनाये जाने का एक अन्य उद्देश्य शरणार्थियों की दुर्दशा की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करना और उनकी समस्याओं का हल करना है।


म्यांमार, लीबिया, सीरिया, अफगानिस्तान, मलेशिया, यूनान और अधिकांश अफ़्रीकी देशों के लाखों नागरिक हर साल दूसरे देशों में शरणार्थी के रूप में शरण लेते हैं। संयुक्त राष्ट्र की संस्था युएनएचसीआर (UNHCR) रिफ्यूजी लोगों की सहायता करती है।

कैसे हुई थी वर्ल्ड रिफ्यूजी डे की शुरुआत?

दुनिया भर में 20 जून को वर्ल्ड रिफ्यूजी डे के तौर पर मनाया जाता है, लेकिन पहले यह इस दिन नहीं मनाया जाता था। 4 जून 2000 को संयुक्त राष्ट्र संघ ने इसे मनाने की घोषणा की। इसे मनाने के लिए 17 जून तारीख तय की गयी।

इसके अगले साल, 2001 में संयुक्त राष्ट्र ने पाया कि इस वर्ष 1951 के शरणार्थियों की स्थिति से संबंधित कन्वेंशन (1951 Convention relating to the Status of Refugees) के 50 साल पुरे होंगे, जिसके बाद यह दिन 17 की बजाय 20 जून को मनाया जाने लगा। तब से ही हर साल यह दिन 20 जून को मनाया जाने लगा।

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