जोड़ों में दर्द की समस्या कई लोगों के लिए परेशानी का कारण बन जाती है। बढ़ती उम्र के साथ यह समस्या भी बढ़ती जाती है। लोग इसके लिए तरह- तरह के उपाय करते हैं, लेकिन योग के कुछ आसन इस परेशानी से निजात दिला सकते हैं।
योग शरीर को कई प्रकार से लाभ पहुंचता है। नियमित रूप से योग करने से शारीरिक और मानसिक समस्याएं दूर होती हैं। जोड़ों में दर्द की समस्या से बचने के लिए भी योग आसन लाभदायक साबित होते हैं। इन आसनों को नियमित रूप से करने से आप अपनी मासपेशियों और घुटनों को मजबूत कर सकते हैं। आइये आज आपको ऐसे ही कुछ आसनों के बारे में बताते हैं, जिन्हें करने से कूल्हे और घुटने मजबूत होते हैं।
त्रिकोणासन (Trikonasana)
इस योग आसन को करने से आप ऊर्जा से भर जाते हैं और मानिसक थकान या निरुत्साहिता का एहसास नहीं होता।
त्रिकोणासन के लाभ
- इसे करने से कमर का दर्द दूर होता है।
- जांघ, कंधे, छाती और रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है।
- फ्लैट फुट से परेशान लोगों को त्रिकोड़ासन करना चाहिए।
- नियमित रूप से यह आसन करने से मानसिक तनाव भी कम होता है।
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(नोट- स्पॉडेलाइटिस या गर्दन-पीठ में दर्द और स्लिप डिस्क से परेशान लोग इसे न करें।)
ताड़ासन (Tadasana)
योग का यह आसन शरीर को पेड़ जैसी मजबूती देने का काम करता है। बच्चों से लेकर बूढ़े लोगों तक, सभी को नियमित रूप से यह आसन करना चाहिए।
ताड़ासन के लाभ
- कद बढ़ाने के लिए यह आसन सबसे उचित माना जाता है।
- घुटनों के दर्द को दूर कर, कूल्हे और घुटनों की हड्डियों को मजबूत बनाता है।
- इस आसन को करने से नसों और मांसपेशियों का दर्द दूर होता है।
- कमर में दर्द होने पर इसे करने से लाभ होता है।
- पैरों को मजबूती प्रदान करता है।
- सायटिका से ग्रस्त लोगों के लिए यह आसन बेहद फायदेमंद होता है।
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भद्रासन (Bhadrasana)
कूल्हे और घुटनों को मजबूत बनाने के लिए यह योग आसन काफी कारगर साबित होता है। इसे करने से आप दर्द से तो निजात पाते ही हैं, साथ ही इससे तन और मन दोनों सुदृढ़ बनते हैं।
भद्रासन के लाभ
- शरीर को लाभ पहुंचाने के अलावा, यह मस्तिष्क को मजबूती देकर एकाग्रता प्रदान करता है।
- इससे कूल्हे और घुटने की हड्डियां मजबूत होती हैं।
- घुटने के दर्द से परेशान लोगों को इस आसन से काफी लाभ होता है।
- महिलाओं के इस आसन को करने से उन्हें मासिक धर्म से जुड़ी समस्याएं नहीं होती।
- बढ़े हुए पेट को भी कम करने के लिए यह आसन उचित है।
(नोट- अर्थराइटिस या साइटिका की समस्या से ग्रस्त लोगों को यह आसन नहीं करना चाहिए।)