टिड्डियों के प्रजनन को रोकना होगा : कृषि राज्यमंत्री

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नई दिल्ली, 10 मई (आईएएनएस)। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने रविवार को यहां कहा कि टिड्डी के ग्रीष्म प्रजनन पर नियंत्रण से ही फसलों के संभावित नुकसान से बचाव हो सकता है।

देश की पश्चिमी सीमा पर राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में टिड्डी दल के हमले फिर शुरू हो गए हैं। टिड्डियों के प्रकोप से निपटने के मद्देनजर कैलाश चौधरी ने यहां पूसा कैम्पस में स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद यानी आईसीएआर के विभिन्न संस्थानों के कृषि वैज्ञानिकों के साथ विस्तार से चर्चा की।


बैठक में केंद्र सरकार की ओर से गठित टिड्डी रोकथाम प्रणाली को सु²ढ़ करने, केंद्र-राज्य के प्रभावी समन्वय, किसानों के ट्रैक्टर एवं मशीन के किराये पर इस्तेमाल, नई मशीनों व ड्रोन की खरीद, हेलीकॉप्टर स्प्रे, टीडी सर्विलांस एवं मोबाइल एप के इस्तेमाल सहित कई विषयों पर विचार-विमर्ष किया गया।

चौधरी ने कहा, “इन सभी समेकित प्रबंधनों के प्रयोग द्वारा हम टिड्डी का प्रभावी नियंत्रण कर सकते हैं। हमें टिड्डी के ग्रीष्म प्रजनन को रोककर संभावित नुकसान को रोकना होगा।”

उन्होंने कहा, “जैसलमेर, बाड़मेर सहित राज्य के पश्चिमी जिलों में पिछले साल मई से ही टिड्डी दल सक्रिय हैं। कृषि मंत्रालय और केंद्रीय टिड्डी चेतावनी संगठन के संयुक्त प्रयासों से टिड्डियों को रोकने में काफी हद तक सफलता मिल गई थी। खरीफ फसल के दौरान टिड्डी दलों को नियंत्रित कर लिया गया था, लेकिन अब पिछले कुछ दिनों से टिड्डियों ने फिर हमला कर दिया। इससे कई जगह फसलों और वनस्पतियों को नुकसान हुआ है।”


— आईएएनएस

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