टिक-टॉक ने तेलंगाना के मूक-बधिर को परिजनों से मिलाया

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हैदराबाद, 24 मई (आईएएनएस)। टिक-टॉक कई बार गलत कारणों से सुर्खियों में रहा है, लेकिन इस बार टिक-टॉक ने दो साल से लापता एक मूक-बधिर व्यक्ति को उसके परिजनों से मिलाने में मदद की है।

पंजाब में लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों के बीच भोजन वितरण का कई वीडियो टिक-टॉक पर अपलोड किया गया है, जिसके माध्यम से वह अपने परिजनों से मिलने में सफल रहा।


भद्राद्रि कोथागुडेम जिले में रहने वाले रॉडडैम वेंकटेश्वरलु 2018 में लापता हो गया था। उसके परिजनों ने उसे खोजा, पर वह नहीं मिला, जिसके बाद उसके परिजनों ने उम्मीद छोड़ दी।

लेकिन, आर पेद्दिराजू और उनके भाई-बहन को अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हुआ, जब उन्होंने तीन दिन पहले लुधियाना से सैकड़ों किलोमीटर दूर एक पुलिसकर्मी द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में अपने लापता पिता को देखा।

वीडियो में, पंजाब पुलिस के एक हेड कांस्टेबल ने समाज सेवा के हिस्से के रूप में भिखारियों और सड़कों पर रहने वालों के बीच किए जा रहे भोजन वितरण का वीडियो बनाया था, जिसमें दखिाई दे रहा था कि दो लोग वेंकटेश्वरलु को भोजन का एक पैकेट दे रहे हैं।


जब पुलिस ने उनसे कुछ पूछा, तो उन्होंने इशारों में बताया कि वह सुन और बोल नहीं सकता। उसने फिर हाथ जोड़कर उनका अभिवादन किया।

पेद्दिराजू ने अपने राज्य की पुलिस से संपर्क किया, जिसके बाद पुलिस ने अपने पंजाब के समकक्ष से बात की। पंजाब पुलिस ने उसके बाद इस बात को सुनिश्चित किया कि वीडियो दिख रहा व्यक्ति वेंकटेश्वरलु ही है। उसके बाद पंजाब पुलिस ने लुधियाना की यात्रा के लिए शनिवार को उन्हें एक कार पास जारी किया।

पेद्दिराजू ने रविवार को आईएएनएस को बताया, “मैं इतने लंबे समय के बाद अपने पिता से मिलकर बहुत खुश था। उन्हें सड़क पर भीख मांगते हुए देखना दर्दनाक था, लेकिन भगवान का शुक्र है कि हमने उन्हें आखिरकार खोज लिया।”

उसने अपने पिता से मिलाने में मदद करने के लिए पंजाब पुलिस को धन्यवाद दिया।

–आईएएनएस

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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