तीन मई से औद्योगिक इकाइयां शुरू करने की योजना बने : योगी

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लखनऊ, 28 अप्रैल (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 3 मई के बाद से औद्योगिक इकाइयों को किस प्रकार शुरू करना है, इसके लिए कार्य योजना बनाई जाए।

मुख्यमंत्री यहां मंगलवार को लोक भवन में आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में लॉकडाउन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 3 मई के बाद औद्योगिक इकाइयों को किस प्रकार शुरू किया जाए, इसके लिए एक कार्य योजना तैयार की जाए। प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने की कार्य योजना बनाई जाए।


उन्होंने कहा कि निराश्रित व्यक्ति की मौत होने पर शासन द्वारा अनुमन्य राशि से दिवंगत का अंतिम संस्कार कराया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय में बड़ी मात्रा में भूसा उपलब्ध रहता है। इसके दृष्टिगत निराश्रित गोवंश के लिए आश्रय स्थलों पर भूसा बैंक स्थापित किया जाए।

उन्होंने कहा है कि सोशल डिस्टेंसिंग पर विशेष ध्यान दिया जाए। पुलिस द्वारा नियमित तौर पर पेट्रोलिंग की जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि हॉटस्पॉट क्षेत्रों में केवल स्वास्थ्य, सफाई तथा होम डिलीवरी से जुड़े कर्मी ही जाएं। हॉटस्पॉट क्षेत्रों में सभी घरों को सेनेटाइज किया जाए।


उन्होंने कहा कि प्रयागराज से वापस भेजे जा रहे प्रतियोगी छात्र-छात्राओं का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाए। जनपद वाराणसी, हापुड़, रामपुर, मुजफ्फरनगर तथा अलीगढ़ में वरिष्ठ प्रशासनिक, पुलिस एवं स्वास्थ्य अधिकारी भेजे जाएं।

योगी ने कहा कि ग्रीन जोन तथा ऑरेंज जोन में अनुमन्य की जाने वाली गतिविधियों के लिए एक कार्य योजना बनाई जाए। महिला स्वयं सहायता समूहों को मास्क आदि के निर्माण कार्य से जोड़ा जाए।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रत्येक जनपद में 15,000 से 25,000 क्षमता के क्वारंटीन सेंटर तथा आश्रय स्थल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। शेल्टर होम में 14 दिन की संस्थागत क्वारंटीन पूरा करने वालों का चिकित्सीय परीक्षण कराके होम क्वारंटीन के लिए घर भेजा जाए। मेडिकल टेस्टिंग के लिए पूल टेस्टिंग व रैंडम टेस्टिंग का उपयोग किया जाए। जिलाधिकारी एवं मुख्य चिकित्साधिकारी एल-1, एल-2 तथा एल-3 कोविड चिकित्सालयों, शेल्टर होम व क्वारंटीन सेंटर का निरीक्षण करें। शेल्टर होम व क्वारंटीन सेंटर की फूडिंग लॉजिंग व्यवस्था पर नजर रखी जाए। उन्होंने कहा कि शेल्टर होम को जियो टैग किया जाए।

योगी ने कहा कि कोविड-19 के रोगियों के उपचार के लिए प्लाज्मा थेरेपी को बढ़ावा दिया जाए। टेस्टिंग क्षमता में वृद्धि की जाए। सभी टेस्टिंग लैब्स में पूल टेस्टिंग की व्यवस्था उपलब्ध कराई जाए। सैम्पल लेने वालों को प्रोटोकल के अनुरूप प्रशिक्षण प्रदान किया जाए। टेस्टिंग क्षमता में वृद्धि के दृष्टिगत वैश्विक स्तर पर टेक्नोलॉजी प्राप्त करने पर विचार किया जाए।

कोरोना संक्रमण की प्रत्येक चेन को तोड़ना है। मेडिकल इन्फेक्शन को रोकने के लिए सभी स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाए। उन्होंने बायो-मेडिकल वेस्ट का उचित निस्तारण सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।

–आईएएनएस

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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