डायबिटीज के मरीज रमजान में इन बातों का रखें ध्यान, शुगर रहेगी नियंत्रित

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डायबिटीज के मरीज रमजान में इन बातों का रखें ध्यान, शुगर रहेगी नियंत्रित

रमजान का महीना शुरू होने वाला है। यह मुस्लिम धर्म में सबसे पाक महीना माना जाता है। इस पूरे महीने में मुस्लिम समाज के लोग रोजा रखते हैं और अपने अल्लाह की इबादत करते हैं। रमजान का यह पाक महीना चाँद दिखने के साथ शुरू होता है और महीने भर चलता है। इस दौरान लोग सुबह सेहरी (लगभग 4 बजे) खाते हैं और 12 से 15 घंटे तक भूखे रहते हैं। इसके बाद शाम को इफ्तार (लगभग 7 बजे) रोजा खोलते हैं।

डायबिटीज के मरीजों को इस महीने में अपनी डाइट का खास ख्याल रखने की ज़रुरत होती है, क्योंकि 12 से 15 घंटे तक कुछ खाए-पिए बिना रहने से डायबिटीज के मरीजों की सेहत बिगड़ने का खतरा बना रहता है। आज हम आपको बताते हैं कि किन बातों को अपनी दिनचर्या में शामिल कर डायबिटीज पीड़ित लोग रमजान में अपनी सेहत का ध्यान रख सकते हैं।


डॉक्टर की सलाह लें: रोजे रखने से पहले मरीज अपने डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें कि क्या वे रोजे रख सकते हैं या नहीं। मरीजों के लिए जरूरी है कि वे अपने डॉक्टर से डाइट प्लान भी डिसकस कर लें ताकि डॉक्टर सही सलाह दे सकें।

डाइट में हेल्दी चीजें करें शामिल: डायबिटीज के मरीजों के लिए आवश्यक है कि वे इफ्तार के समय मीठी चीजें खाने से बचें और अपनी डाइट में फल, सब्जियां, दालें, दही आदि चीजें शामिल करें। साथ ही डिहाइड्रेशन से बचने के लिए शुगर फ्री ड्रिंक्स या ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं।

ज्यादा खाने से बचें: अक्सर लोग पूरे दिन भूखे रहने की वजह से सहरी के समय जरूरत से ज्यादा खा लेते हैं। लेकिन डायबिटीज के मरीजों को ऐसा बिलकुल नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से उनका ब्लड ग्लुकोज काफी बढ़ सकता है और परेशानी खड़ी हो सकती हैं।


सेहरी में क्या खाएं और क्या नहीं: डायबिटीज के मरीजों को अपने खान- पान पर खास ध्यान देना होता है। ऐसे में ज़रूरी है की 12 से 15 घंटे भूखे रहने से पहले वे सेहरी में अपने डाइट का ध्यान रखें। डायबिटीज के मरीजों को सेहरी में प्रोटीन युक्त चीजों का सेवन करना चाहिए और कार्बोहाइड्रेट की ज्यादा मात्रा लेने से बचना चाहिए। साथ ही तली हुई चीजें भी नहीं खानी चाहिए। ये भी जरूरी है कि खाना खाने के तुरंत बाद सोने से बचा जाए।

ब्लड ग्लुकोज की करते रहें जांच: अगर डायबिटीज के मरीज हैं और रोजा रख रहे हैं तो रोजे के दौरान समय-समय पर अपने ब्लड ग्लुकोज की जांच करते रहें और कोई भी परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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