गोबर उठाने से जज बनने तक का सफ़र, राजस्थान की इस बेटी की कहानी जानकर करेंगे गर्व

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Rajasthan: कहते हैं न की कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती है। इस लाइन सोनल शर्मा (Sonal sharma) ने एकदम सार्थक बना दिया। राजस्थान (Rajasthan) के उदयपुर (Udaipur)  में रहने वाले दूधवाले के एक बेटी (A daughter of a milkman) ने एक ऐसा कमाल का काम कर डाला है, जिसके बाद वो सभी बेटियों के लिए मिसाल बन जाएगी। उदयपुर की रहने वाली सोनल शर्मा ने राजस्थान ज्यूडिशियल सर्विसेज (Rajasthan Judicial Services) की परीक्षा पहले ही प्रयास में पास कर ली है।

सोनल शर्मा ने साल 2018 में यह परीक्षा दी थी और अब वह जज बनने के लिए तैयार हैं । सोनल शर्मा की उम्र 26 साल है और उन्होंने अपनी पूरी पढ़ाई गोशाला में रहकर की है। इसके बावजूद सोनल शर्मा ने बीए, एलएलबी और एलएलएम की परीक्षाएं प्रथम श्रेणी से पास की हैं।


एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान के सेशन कोर्ट (Session court of Rajasthan)  में सोनल शर्मा को फर्स्ट क्लास मजिस्ट्रेट के तौर पर नियुक्त किया जाएगा। इन परीक्षाओं के परिणाम पिछले साल दिसंबर में ही निकल गए थे लेकिन सोनल शर्मा का नाम वेटिंग लिस्ट में था। ऐसा इसलिए क्योंकि वो जनरल कट ऑफ लिस्ट में एक नंबर से रह गई थी।

 

सोनल न्यायाधीश के पद पर देंगी सेवाएं

 


आरजेएस भर्ती 2017 में सोनल का प्रथम प्रयास रहा, वह लक्ष्य से महज़ तीन अंक नीचे रहीं. लेकिन, हौसला गिरने नहीं दिया। 2018 में फिर आरजेएस भर्ती आई, इस बार वह एक अंक के लक्ष्य से चूक गईं। इसका मलाल उन्हें कई दिनों तक उनकी उदासी में रहा। बीते महीने यानी नवंबर 2020 ठीक एक साल बाद वेटिंग लिस्ट से उनका चयन न्यायाधीश के लिए हुआ। सोनल ने अपना डॉक्युमेंट वैरिफ़िकेशन करा लिया है, इसके बाद पुलिस वैरिफ़िकेशन, मेडिकल और एक साल की ट्रेनिंग के बाद वह न्यायाधीश के पद पर सेवाएं देंगी।

 


जब एक चयनित उम्मीदवार ने इस सेवा में आगे ना बढ़ने का फैसला किया, तब सोनल शर्मा को ये अवसर मिला। एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखने की वजह से सोनल शर्मा अपनी पढ़ाई के लिए ट्यूशंस और पढ़ने की सामग्री भी नहीं ले पाती थी। सोनल साइकिल से अपने कॉलेज तक जाती और लाइब्रेरी में पढ़ाई किया करती।

दूधवाले की बेटी हूं इस बात से आती थी शर्म

सोनल ने बताया कि कभी-कभी कॉलेज जाते समय में मेरी चप्पल गोबर में सनी हुई होती थी, मुझे अपने क्लासमेट्स को ये बताने में शर्म आती थी कि मैं एक दूधवाले की बेटी हूं लेकिन आज मुझे इस बात पर गर्व होता है। सोनल की कॉलेज फ़ीस के लिए कई बार उनके पिता के पास पैसे तक नहीं होते थे। उन्होंने बताया कि पापा ने दो बार तो मेरी ही सहेली के पिता से पैसे उधार लेकर कॉलेज फ़ीस जमा की।

सोनल की माता गोबर के कंडे थाप कर बेचती हैं

सोनल की माता गोबर के कंडे थाप कर उन्हें बेचती हैं और उनका हाथ बटाती हैं। पिता ख्याली शर्मा कहते हैं, जो तक़लीफ़ और परेशानियां मैंने उठाई हैं, वह मेरे बच्चे न सहें। ख्याली शर्मा ने बताया कि, साल 1980 में सात पैसे के हिसाब से महाराणा प्रताप कृषि विश्वविद्यालय में गोबर बेचा करते थे, वहां सोलर एनर्जी सेंटर में गोबर काम में लिया जाता है।

बेटी के जज बनने के सपने को साकार होने पर पिता ख्याली लाल शर्मा कहते हैं, “बेटी कभी दबाव में आ कर फ़ैसला मत करना। न्याय करना है, सभी के साथ. सामने कोई भी हो। “

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