यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन ने कोरोना वायरस संक्रमण के बीच विश्वविद्यालयों के फाइनल ईयर की परीक्षाएं आयोजित करने के लिए विस्तृत ब्यौरा यानी मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी कर दिया है। गृह मंत्रालय ने कहा है कि यूजीसी (UGC) के अनुसार अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं अनिवार्य हैं।
इस पत्र में लिखा गया है कि फाइनल टर्म (Final Term) की परीक्षाएं बहुत जरूरी हैं, इसलिए स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा मंजूर एसओपी (SOP) के तहत परीक्षाएं कराईं जाएंगी। गृहमंत्रालय ने कहा कि सभी कॉलेजों को कोरोना को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय के मानकों का पालन करना होगा। इस दौरान दो गज की दूरी, मास्क एवं आरोग्य सेतु एप जैसे प्रावधान शामिल हैं।
इसमें बताया गया है कि ऐसे स्टूडेंट्स जिन्हें सर्दी, जुकाम, बुखार और कोरोना वायरस के दूसरे लक्षण हैं, उन्हें परीक्षा में दूसरे दिन बैठने का मौका देना चाहिए या दूसरी परीक्षा में बैठकर परीक्षा करानी चाहिए। इसके अलावा परीक्षा केंद्र पर दो उम्मीदवारों के बीच दो मीटर की दूरी जरूर होनी चाहिए।
इसके अलावा परीक्षक को मास्क और गलव्स पहनने भी जरूरी होंगे। बुधवार को एसओपी का पत्र 40 सेंट्रल यूनिवर्सिटीज को भेजा किया।इसमें लिखा गया था कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एसओपी बनाए हैं। इन्हें स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा मंजूरी भी दी गई है। इसके साथ ही परीक्षा कराने वालों को हेल्थ स्टेट्स से जुड़ा एक सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म भरना होगा।
इसके अलावा हर एक परीक्षा केंद्र पर थर्मों गन चेक उपलब्ध होंगे। जिस भी व्यक्ति ने हेल्थ स्टेट्स नहीं भरा होगा या थर्मों गन चेकअप नहीं कराया होगा, उन्हें परीक्षा केंद्र को छोड़ने के लिए कहा जाएगा। इसके अलावा जो भी परीक्षा में शामिल होंगे, उन्हें अपने मोबाइल फोन में आरोग्य सेतू ऐप डाउनलोड करना अनिवार्य होगा।
एसओपी के अनुसार परीक्षा केंद्र के फर्श, दरवाजे, दीवारें, फर्नीचर, रेलिंग, सीढ़ियां सभी को डिस्इंफेक्ट किया जाएगा। सभी परीक्षा केंद्रों पर हैंड सैनिटाइजर और हैंडवॉश रखे जाएंगे। परीक्षक, स्टूडेंट्स और अन्य लोगों का रिकॉर्ड होना चाहिए, जिससे अगर कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग किया जा सके।