विकास दुबे के एनकाउंटर की सुबह तक क्या-क्या हुआ, समझिए इन आसान प्वाइंट में

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Hansal Mehta to direct web series on gangster Vikas Dubey

कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाले गैंगस्टर विकास दुबे (Vikas Dubey) का पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया है। रात में उज्जैन से कानपुर के लिए निकली एसटीएफ की टीम कानपुर से थोड़ा पहले पहुंची ही थी कि काफिले में शामिल एक कार हाइवे पर पलट गई।

अभी तक मीडिया में आ रही खबरों की माने तो कार पलटने की वजह से विकास दुबे ने मौके का फायदा उठाने की सोची। विकास दुबे (Vikas Dubey) ने भागने की कोशिश की और दो-तीन किलोमीटर भागने के बाद एसटीफ टीम ( STF Team) को उसका एनकाउंटर (Encounter) करना पड़ा।


हालांकि पुलिस (Police) की कहानी पर सवाल भी खड़े हो गए हैं। विकास दुबे की कहानी खत्म होने के साथ ही सवालों के जवाब भी हमेशा के लिए दफन हो गए कि उसके अपराध में कौन-कौन से रसूखदार लोग शामिल थे, जो शायद कोर्ट के सामने पता लग पाते, कई राज विकास की मौत के साथ ही हमेशा के लिए जमीदोंज हो गए।

विकास दुबे के एनकाउंटर से जुड़ी अहम जानकारियां :

गुरुवार सुबह विकास दुबे ने उज्जैन के महाकाल मंदिर में सरेंडर किया।

इसके बाद उज्जैन पुलिस ने ही उससे करीब 8 घंटे तक पूछताछ की।


इस दौरान यूपी पुलिस ने विकास दुबे की पत्नी ऋचा और उसके नाबालिग बेटे को भी हिरासत में लेकर उनसे भी पूछताछ की।

एमपी पुलिस ने विकास को शाम में ही यूपी पुलिस की एसटीएफ की टीम के हवाले कर दिया था।

इसके बाद एसटीएफ की टीम एक बड़े काफिले के साथ उसे लेकर उज्जैन से कानपुर के लिए रवाना हो गई।

शुक्रवार 10 जुलाई सुबह करीब साढ़े 6 बजे विकास दुबे को लेकर आ रही एसटीएफ की टीम ने कानपुर की सीमा में प्रवेश किया।

एक दावे के मुताबिक उसे किसी अज्ञात जगह पर ले जाकर पूछताछ करनी थी औऱ फिर 10 बजे कोर्ट में पेश करना था.

करीब 7:25 बजे एसटीएफ की वो गाड़ी रास्ते में ही पलट गई, जिसमें विकास दुबे बैठा था।

पुलिस के मुताबिक इस दौरान उसने बचकर भागने की कोशिश की और पुलिस के साथ उसकी मुठभेड़ हो गई. उसे गोली भी लगी.

घायल अवस्था में उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां करीब 7:45 बजे इस कुख्यात गैंगस्टर की मौत हो गई।

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