उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता दुर्घटना मामले में सीबीआई को मिले और 2 हफ्ते (लीड-1)

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 नई दिल्ली, 19 अगस्त (आईएएनएस)| सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के साथ हुए सड़क हादसे की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को जांच पूरी करने के लिए और दो सप्ताह का समय दिया।

 सीबीआई ने दलील दी थी कि पीड़िता के वकील महेंद्र सिंह, जो पिछले महीने रायबरेली में हुई दुर्घटना में बुरी तरह घायल हो गए थे, इस समय बयान देने की स्थिति में नहीं हैं। इसलिए उसे चार सप्ताह का समय दिया जाए।


न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार को वकील के इलाज के लिए अंतरिम मुआवजे के तौर पर पांच लाख रुपये देने का निर्देश दिया।

अदालत का यह आदेश तब आया, जब न्यायमित्र वी.गिरि ने कहा कि पीड़िता के वकील की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। वकील को एम्स में स्थानांतरित कर दिया गया है, मगर उनकी हालत संतोषजनक नहीं है और उनके इलाज के लिए बहुत पैसे की जरूरत है।

अदालत ने यह संज्ञान भी लिया कि वकील का एम्स में भले ही मुफ्त इलाज चल रहा हो, लेकिन उनका अन्य खर्च भी तो है।


अदालत ने पाया कि इस मामले में सीबीआई ने व्यापक जांच की है, लेकिन इसमें कुछ अन्य पहलुओं को भी जोड़ने की जरूरत है। इसलिए अदालत ने इस मामले की सुनवाई छह सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी।

अदालत ने कहा, “जांच में कुछ सुबूत एकत्र कर उनका विश्लेषण करने की जरूरत है। विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को एकत्रित करने की जरूरत है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पीड़ित और उसके वकील जो कार चला रहे थे, उनके बयान अभी तक रिकॉर्ड नहीं किए जा सके हैं, क्योंकि वे फिलहाल बयान देने की स्थिति में नहीं हैं।”

अदालत ने कहा कि परिवार के सदस्यों द्वारा मीडिया को दिए गए कुछ बयान अभियुक्तों के लिए मददगार साबित हो सकते हैं। इसलिए अगर परिवार के सदस्यों को कोई शिकायत है तो उन्हें अदालत को बताने में संकोच नहीं करना चाहिए।

कोर्ट ने पीड़िता के परिवार द्वारा लिखे गए एक पत्र को संज्ञान में लिया, जिसमें मामले के मुख्य आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के करीबियों से खतरा होने का आरोप लगाया था।

पिछले सप्ताह अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) लाई गई दुष्कर्म पीड़िता की स्थिति अभी नाजुक है और उसे एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है। पीड़िता का इलाज अस्पताल के विभिन्न विभागों के डॉक्टरों की एक विशेषज्ञ टीम द्वारा किया जा रहा है। दोनों को क्रिटिकल केयर, ऑर्थोपेडिक्स, ट्रॉमा सर्जरी एंड पल्मनरी मेडीसिन विभाग के डॉक्टरों की देखदेख में रखा गया है।

दुष्कर्म पीड़िता अपनी चाची, मौसी और वकील के साथ 28 जुलाई को रायबरेली में कार से अपने चाचा से मिलने जिला जेल जा रही थी, उसी समय एक तेज रफ्तार ट्रक ने उनकी कार को टक्कर मार दी थी। इस दुर्घटना में पीड़िता की मौसी और चाची दोनों की मौत हो गई। पीड़िता और वकील गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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