उन्नाव (उत्तर प्रदेश), 8 दिसंबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश में उन्नाव जिला मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर दक्षिण में स्थित हिंदूपुर गांव में शनिवार से नेताओं के आने का सिलसिला जारी है।
इसी क्रम में गांव में भारी संख्या में पुलिसबलों की तैनाती देखी जा सकती है। विशेषकर गुरुवार को आग के हवाले की गई दुष्कर्म पीड़िता के घर पर।
दुष्कर्म पीड़िता ने शुक्रवार देर रात दम तोड़ दिया था, जिसके बाद गांव के बाहर उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
पीड़िता के पिता से घटना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “मामले के सिलसिले में वह अक्सर रायबरेली जाया करती थी। ज्यादातर मैं ही उसे बस स्टेशन तक छोड़ने के लिए जाया करता था। मुझे इस बात का खेद हमेशा रहेगा कि गुरुवार के रोज मैं उसके साथ नहीं जा सका।”
रायबरेली जाने वाली 5 बजे की यात्री ट्रेन पकड़ने के लिए पीड़िता घर से सुबह 4 बजे निकली थी। अदालत में उसके मामले की सुनवाई थी।
पीड़िता की भाभी का कहना है कि वह बेहद मजबूत और साहसी थी। वह अदालत और अन्य स्थानों पर अकेले ही चली जाया करती थी।
उन्होंने कहा, “वह सभी पांच बहनों और दो भाइयों में सबसे मजबूत थी।”
ऐसा कहा जा रहा है कि पीड़िता की शादी मुख्य आरोपी शिवम त्रिवेदी से अदालत में हुई थी, लेकिन सब टूट गया जब आरोपी ने ऐसा मानने से मना कर दिया।
पीड़िता की भाभी ने कहा, “हमें शादी के बारे में नहीं पता था। हमें इसकी जानकारी तब मिली जब आरोपी शिवम के परिजन आए और हमें पीटा। इसके बाद ही लड़की ने लड़के के खिलाफ मामला दर्ज करने का फैसला लिया।”
पीड़िता का घर मुख्य और अन्य आरोपियों के घर से करीब 600 मीटर की दूरी पर है। यहां भी भारी संख्या में पुलिस बलों की मौजूदगी है, लेकिन यहां कोई नहीं आ रहा है।
आरोपियों के परिजनों का कहना है कि उन्हें फंसाया जा रहा है।
गांव की प्रधान और आरोपियों में से एक अन्य शुभम त्रिवेदी की मां शांति देवी ने कहा, “मेरे बेटे का मामले से कोई लेना देना नहीं है।”
उन्होंने दावा किया कि राजनीतिक षड्यंत्र के तहत उन्हें और उनके परिजनों को फंसाया जा रहा है।
उन्होंने कहा, “पुलिस गुरुवार को मेरे घर आई और मेरे पति और बेटे को लेकर चली गई। तीन अन्य लड़कों को भी पकड़ा गया। हमें बाद में पता चला कि उनके ऊपर लड़की को जलाने का आरोप है। जब यह घटना हुई तब वह सभी घर में सो रहे थे।”
उन्होंने निशाना साधते हुए कहा, “जब पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने के लिए आई तब पांचों अपने-अपने घरों पर थे। अगर उन्होंने यह किया होता तो क्या वह अपने घरों में होते।”
शांति देवी ने मामले की जांच सीबीआई (केंद्रीय जांच एजेंसी) से कराने की मांग की है।