उन्नाव रेप केस में तीस हजारी कोर्ट ने सुनाया फैसला, MLA कुलदीप सिंह सेंगर दोषी करार

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उन्नाव रेप केस: पीड़िता के पिता की हत्या मामले में कुलदीप सेंगर समेत 7 दोषियों को 10-10 साल की सजा

उत्तर प्रदेश के उन्नाव में युवती का अपहरण कर दुष्कर्म के करने के मामले में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी करार दिया है। अदालत ने 10 दिसंबर को सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसला 16 दिसंबर के लिए सुरक्षित रख लिया था। इसके बाद सोमवार को दोपहर तीन बजे कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाया है। सेंगर पर अपहरण और हत्या समेत कई मामले दर्ज हैं।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इस केस की सुनवाई लखनऊ से दिल्ली ट्रांसफर की गई थी। ट्रांसफर होने के बाद सत्र न्यायाधीश धर्मेश शर्मा की अदालत में 5 अगस्त से रोजाना इस मामले की सुनवाई हो रही थी।


कुलदीप सेंगर चार बार से उत्तर प्रदेश के बांगरमऊ से विधायक चुने जा रहे हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में वह बीजेपी के टिकट से विधानसभा पहुंचे थे।

बता दें कि अदालत ने बाल यौन अपराध संरक्षण (पॉक्सो) की धारा 3 व 4 (नाबालिग से दुष्कर्म) और भादंसं की धारा 120बी (आपराधिक षड्यंत्र), 363 (अपहरण), 366 (अपहरण एवं महिला पर विवाह के लिए दबाव डालना), 376 (दुष्कर्म) की प्रासंगिक धाराओं के तहत आरोप तय किए थे। उस समय अदालत ने कहा था कि 4 जून 2017 को नौकरी दिलाने के नाम पर अपनी सहयोगी शशि सिंह के साथ मिलकर कुलदीप सेंगर ने साजिश रची और सहमति के बगैर 16-17 साल की किशोरी के साथ शारीरिक संबंध बनाने का अपराध किया।

ज्ञात हो कि पीड़िता को अगवा कर रेप का यह मामला साल 2017 का है। उस समय पीड़िता नाबालिग थी। यह मामला उस समय सुर्खियों में आया था जब पीड़िता और उसकी मां ने मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के आवास के बाहर आत्मदाह करने की कोशिश की थी। पीड़िता के पिता के खिलाफ 3 अप्रैल 2018 को शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था और पुलिस हिरासत में अत्यधिक पिटाई के कारण उसकी मौत हो गई थी। विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर यह आरोप लगे।


गौरतलब है कि इस साल 28 जुलाई को रायबरेली के गुरुबख्शगंज थाना क्षेत्र में कार व ट्रक की टक्कर में पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई थी। पीड़िता और कार चला रहे उनके वकील गंभीर रूप से घायल हो गए थे। पीड़ित परिवार का आरोप है कि कुलदीप सेंगर ने ही यह दुर्घटना करवाया था। इस मामले में भी सेंगर व अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। मामले के तूल पकड़ने के बाद पार्टी की किरकिरी हुई तो बीजेपी ने अगस्त में सेंगर को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया।


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