उन्नाव रेप मामले (Unnao Rape Case) में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई। शीर्ष अदालत ने आदेश देते हुए इससे जुड़े सभी पांचों मामलों को दिल्ली ट्रांसफर कर दिया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने यूपी सरकार को पीड़िता को 25 लाख रुपये अंतरिम मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं। वहीं मामले की रोजाना सुनवाई करने के भी आदेश दिए गए हैं। इसके अलावा पीड़िता, उसके परिवार और उसके वकील की सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआरपीएफ को सौंपी गई है। इसी बीच पीड़िता के वकील का एक पत्र सामने आया है जिसमें उन्होंने अपनी जान के ऊपर खतरा की बात कहते हुए उत्तर प्रदेश प्रशासन को ‘तुरंत’ हथियार के लिए लाइसेंस देने के लिए कहा था।
पीड़िता के वकील ने प्रशासन को यह पत्र 15 जुलाई को लिखा था। उन्नाव जिला मजिस्ट्रेट को लिखे पत्र में वकील ने कहा था, ‘मुझे डर है कि मुझे मारा जा सकता है।’ याद रहे कि 28 जुलाई को उनकी कार का एक्सीडेंट हो गया। पीड़िता और वकील दोनों एक कार से लौट रहे थे, तभी उनकी कार को रायबरेली के पास एक ट्रक ने टक्कर मार दी। इस हादसे में दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए, जबकि पीड़िता के दो रिश्तेदारों की मौत हो गई थी।
न्यूज एजेंसी एएनआई की ओर से ट्विटर पर जारी किए गए इस पत्र में पीड़िता के वकील ने कहा है कि सितंबर 2018 में हथियार के लाइसेंस के लिए आवेदन किया था, लेकिन आज तक इसे योगी सरकार के दबाव में जारी नहीं किया गया। उसे आशंका है कि उसकी हत्या भी की जा सकती है।
In a letter dated 15th July, Mahendra Singh, lawyer of Unnao rape survivor, wrote to Unnao District Magistrate (DM) to urgently grant him a weapon license. Letter states, “I have apprehension that I could be murdered in future.” pic.twitter.com/tM1wUVdUkQ
— ANI UP (@ANINewsUP) August 1, 2019
बता दें, रायबरेली सड़क हादसे में बुरी तरह से घायल उन्नाव बलात्कार पीड़िता और उसके वकील की हालत गुरुवार को पांचवे दिन भी जस की तस बनी हुई है। पीड़िता अब भी वेंटीलेटर पर है जबकि वकील को कुछ देर के लिये वेंटीलेटर से हटाकर देखा गया।
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रामा सेंटर प्रभारी डॉ. संदीप तिवारी ने कहा, ‘लड़की की कई हड्डियां टूटी हैं और सीने में भी चोट हैं। उसकी हालत में मामूली सुधार हुआ है लेकिन अभी इसे संतोषजनक नहीं कहा जा सकता। उसे अभी तक होश नहीं आया है।’
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उन्होंने बताया कि पीड़िता का सीटी स्कैन कराया गया था लेकिन सिर में कोई चोट फिलहाल नजर नहीं आयी। इसके बावजूद हेड इंजरी से इंकार नहीं किया जा सकता है क्योंकि बहुत सी सिर की चोटें सीटी स्कैन में नजर नहीं आती हैं। चिकित्सकों की टीम 24 घंटे उसकी निगरानी कर रही है और अभी भी वह वेंटीलेटर पर है।’
उन्होंने बताया कि घायल वकील महेंद्र सिंह को गुरुवार को भी दिन में कुछ देर के लिये वेंटीलेटर से हटाकर देखा गया था, इस दौरान उनकी तबियत स्थिर रही। बाद में फिर से उन्हें वेंटीलेटर पर कर दिया गया।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीजेआई रंजन गोगोई ने पीड़िता की स्थिति पर सवाल किये। उन्होंने सॉलिसिटर जनरल से पूछा, “क्या वह हिलाए जाने की हालत में है…? हम पीड़िता को हिलाना नहीं चाहते, उसे एयरलिफ्ट किया जा सकता है… हम AIIMS से कह सकते हैं।” हालाँकि, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के डॉ. तिवारी से जब पूछा गया कि क्या बेहतर इलाज के लिये पीड़िता को एयरलिफ्ट कर कहीं बाहर ले जाने की संभावना है इस पर उन्होंने जवाब दिया कि अभी उनके पास ऐसी कोई सूचना नहीं है।