उत्तर प्रदेश : योगी आदित्यनाथ सरकार ने गोवंशीय पशुओं को शारीरिक नुकसान पहुंचाने पर अधिकतम सात साल के कठोर कारावास और तीन लाख रुपये तक के जुर्माने के प्रावधान वाले एक नए अध्यादेश को मंगलवार को मंजूरी दे दी।
गोकशी की घटनाओं से संबंधित अपराधों को रोकने तथा गोवध निवारण कानून को और अधिक प्रभावी बनाने के इरादे से 1955 के इस कानून में संशोधन के प्रस्ताव को सरकार ने हरी झंडी दे दी। जिसके बाद गोकशी को लेकर बने कानून को और सख्त हो गए है।
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार गोवध निवारण संशोधन अध्यादेश लाई है। यह अध्यादेश मंगलवार को कैबिनेट ने पास कर दिया जो 2 से 3 दिन में लागू हो जाएगा। ऐसे मामले में दूसरी बार पकड़े जाने पर गैंगस्टर एक्ट लगेगा।
कानून में सख्ती के बाद आरोपियों की सजा को न सिर्फ बढ़ाया गया है बल्कि गोवंश को शारीरिक नुकसान पहुंचाने पर भी सजा मिलेगी। इसके लिए 1 साल से सात साल तक की कठोर सजा का प्रावधान किया गया है।
नए अध्यादेश के तहत गोवंश के परिवहन या गोमांस के परिवहन के मामलों में प्रयोगशाला में गोमांस की पुष्टि होने पर संबंधित गाड़ी के चालक, आपरेटर और परिवहन से संबंधित स्वामी को आरोपी बनाया जाएगा।
अपर मुख्य सचिव :गृह एवं सूचना: अवनीश कुमार अवस्थी ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में उनके सरकारी आवास पर हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में यह महत्वपूर्ण फैसला किया गया।
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि मूल कानून में धारा—5 ख के रूप में इस प्रावधान को शामिल किया जाएगा और न्यूनतम एक वर्ष के कठोर कारावास के दंड की व्यवस्था रहेगी, जो सात वर्ष तक हो सकता है और जुर्माना न्यूनतम एक लाख रुपये होगा।