जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) से अनुच्छेद 370 (Article 370) को हटाने के मोदी सरकार के फैसले को लेकर कांग्रेस (Congress) में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। कांग्रेस ने संसद में मोदी सरकार के इस कदम का विरोध किया है, लेकिन पार्टी के भीतर इसको लेकर एकमत नहीं है। मिलिंद देवड़ा (Milind Deora) से लेकर जनार्दन द्विवेदी (Janardan Dwivedi) जैसे नेताओं ने धारा 370 (Article 370) के प्रावधानों को हटाये जाने का स्वागत किया है। अब यूपी के रायबरेली सदर से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह (Congress MLA Aditi Singh) ने अनुच्छेद 370 पर नरेंद्र मोदी सरकार का समर्थन किया है। अदिति रायबरेली सदर के पूर्व विधायक और कांग्रेस प्रवक्ता अखिलेश सिंह की बेटी हैं। वह 2017 में विधायक बनी हैं।
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अदिति सिंह (Aditi Singh) ने कहा, ‘राज्यसभा में पेश किए गए अनुच्छेद 370 के प्रस्ताव का मैं समर्थन करती हूं। इससे जम्मू और कश्मीर (Jammu-Kashmir) की सुरक्षा व्यवस्था में फर्क पड़ेगा। जम्मू-कश्मीर को देश के बाकी राज्यों की तरह ट्रीट किए जाने से यह राज्य मुख्यधारा में आएगा। इससे ज्यादा आसानी होगी। यह बड़ा ऐतिहासिक निर्णय है।’
#WATCH Aditi Singh, Congress MLA Raebareli Sadar speaks on #Article370revoked: I’m in absolute support of the decision. It will help in integrating J&K into the mainstream. It’s a historic decision. It should not be politicised. As an MLA, in my capacity, I welcome this decision. pic.twitter.com/fSmzpesjnB
— ANI UP (@ANINewsUP) August 6, 2019
कांग्रेस विधायक ने कहा, ‘मेरे ख्याल से यह मुद्दा पार्टी लाइन से उठकर है। इसका मैं समर्थन करती हूं। बशर्ते इस चीज का सरकार जरूर ध्यान रखे कि जो कुछ चल रहा है, जैसा कि रिपोर्टिंग में हमें शंका होती है कि वहां लोगों की आवाज को दबा दी जाती है, इंटरनेट नहीं है, लोगों से बातचीत नहीं हो पा रही है, इन सारी चीजों का ध्यान रखा जाए और वहां के लोगों को परेशानी न हो। यह राष्ट्रहित का मुद्दा है।’
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बता दें, मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष मिलिंद देवरा ने भी अनुच्छेद 370 के हटाए जाने का समर्थन किया था। देवरा ने ट्विटर पर लिखा, “बहुत दुर्भाग्य है कि अनुच्छेद 370 को लिबरल बनाम कंजर्वेटिव डिबेट में तब्दील किया जा रहा है। राजनीतिक दलों को अपने सैद्धांतिक मतों को परे रखकर इस बात पर चर्चा करनी चाहिए कि भारत की संप्रभुता और संघीय व्यवस्था, कश्मीरी युवकों के लिए नौकरियों और कश्मीरी पंडितों को न्याय के लिए सबसे बेहतर क्या रहेगा।”
Very unfortunate that Article 370 is being converted into a liberal vs conservative debate.
Parties should put aside ideological fixations & debate what’s best for India’s sovereignty & federalism, peace in J&K, jobs for Kashmiri youth & justice for Kashmiri Pandits.
— Milind Deora मिलिंद देवरा (@milinddeora) August 5, 2019
इसके अलावा कांग्रेस के पूर्व महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने भी कहा कि उनके राजनीतिक गुरु राम मनोहर लोहिया हमेशा धारा 370 के खिलाफ रहे। उन्होंने कहा, ‘इतिहास की भूल को देर से ही सही मगर सुधार लिया गया है। मैं इसका स्वागत करता हूँ।’
#WATCH Janardan Dwivedi, Congress on #Article370revoked : My political guru Ram Manohar Lohia ji was always against this Article. A mistake of history has been corrected today, albeit late. I welcome this. pic.twitter.com/KqBsROImgS
— ANI (@ANI) August 5, 2019
गौरतलब है कि गुलाम नबी आजाद, मनीष तिवारी, शशि थरूर और पी चिंदबरम समेत कांग्रेस के कई दिग्गज नेता भले ही अपनी पार्टी लाइन के मुताबिक केंद्र सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। लेकिन कुछ नेता ऐसे भी हैं जिन्हें लगता है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने यह फैसला देश हित में लिया है और इसका समर्थन किया जाना चाहिए।
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