उप्र : बाघ ने 1 सप्ताह में 2 किसानों की जान ली

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लखीमपुर खीरी (उत्तर प्रदेश), 11 अक्टूबर (आईएएनएस)। एक सप्ताह में दूसरी बार दुधवा टाइगर रिजर्व के एक बाघ ने एक शख्स की जान ले ली है। क्षेत्र के सभी गांवों को अलर्ट पर रखा गया है और निवासियों से जंगल क्षेत्र से दूर रहने और शाम को घर से बाहर नहीं निकलने के लिए कहा गया है।

5 अक्टूबर को, माझरा पूरब गांव के पास एक बुजुर्ग किसान मृत पाया गया और 9 अक्टूबर को, लगभग 60 वर्षीय एक अन्य किसान का आंशिक रूप से खाया हुआ शव मिला था।


किसान प्यारेलाल यादव अपने मवेशियों को चराने के लिए ले गए थे और घर नहीं लौटे जबकि उनके मवेशी वापस आ गए थे।

परिवार के सदस्यों ने वन विभाग को सूचित किया और उन्हें ढूंढ़ना शुरू किया गया, अंधेरा होते ही तलाशी अभियान को जल्द ही रोक दिया गया।

अगली सुबह, शनिवार को यादव का शव घने जंगल के अंदर देखा गया। घटनास्थल के पास एक वयस्क बाघ के पैरों के निशान थे। उन्हें शायद एक बाघ ने मारा डाला था।


प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) अनिल पटेल ने कहा, “हमें बाघों के लिए उनके मूल शिकार क्षेत्र में उनकी वापसी सुनिश्चित करने की जरूरत है। यह केवल तभी किया जा सकता है जब वन क्षेत्र में कम से कम 15 दिनों तक कोई मानवीय हस्तक्षेप, गतिविधि न हो।”

वन विभाग ने बाघ की गतिविधि पर नजर रखने के लिए कैमरा ट्रैप लगाने का भी फैसला किया है।

डीएफओ ने पत्रकारों को बताया, “हमें संदेह है कि एक ही बाघ ने दोनों किसानों की जान ली है। हमारी टीमें इस क्षेत्र की तलाशी ले रही हैं। हमने स्थानीय लोगों को जागरूक करने और बाघ की गतिविधि पर नजर रखने के लिए डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इंडिया और वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया के विशेषज्ञों की मदद ली है। हमारी प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि बाघ इंसानों के रिहायशी इलाकों में वापस नहीं आए।”

7 अक्टूबर को, बाइक पर सवार दो लोग तब घायल हो गए थे, जब एक जंगली जानवर, संभवत: एक बाघ ने सिंगाही इलाके में उन पर हमला कर दिया था।

–आईएएनएस

वीएवी-एसकेपी

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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