उत्तर प्रदेश के पर्यटन विभाग ने ‘स्वदेश दर्शन’ योजना के तहत बौद्ध धर्म से जुड़े कौशाम्बी समेत कई पर्यटन स्थलों को विकसित करने और उन्हें बौद्ध सर्किट से जोड़ने की योजना बनाई है।
पर्यटन विभाग के उप निदेशक दिनेश सिंह ने कहा कि इस मकसद से 50 करोड़ रुपये का प्रस्ताव राज्य सरकार को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। यह प्रस्ताव पर्यटन विभाग द्वारा वन, बिजली, राजस्व, धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के कई स्थलों के विस्तृत सर्वेक्षण पर आधारित है।
बौद्ध सर्किट नेपाल के लुम्बिनी का अनुसरण करता है, जहां गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था, फिर बिहार के गया में जहां उन्होंने आत्मज्ञान प्राप्त किया, सारनाथ में जहां उन्होंने अपना पहला धर्मोपदेश दिया और कुशीनगर में जहां उनकी मृत्यु हुई।
गौतम बुद्ध ने अपने अनुयायियों को धर्मोपदेश देने के लिए कौशाम्बी शहर का कई बार दौरा किया था।
इस प्रोजेक्ट के आर्टेक्ट विशाल गुलाटी ने कहा, “अगर प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है, तो हम पर्यटकों के लिए कई आकर्षणों को शामिल करने की योजना बना सकते हैं, इसमें एक शानदार ध्यान केंद्र भी शामिल है। कौशाम्बी के विभिन्न बौद्ध स्थलों के महत्व के बारे में दर्शकों को बताने के लिए एक ऑडियो-विजुअल शो भी बनाया जाएगा।”
साथ ही आगंतुकों की सुविधा के लिए सार्वजनिक सुविधाएं जैसे शौचालय, रेस्तरां, वेटिंग हॉल, हस्तशिल्प बाजार और दुकानें भी बनेंगी।
विदेशी पर्यटकों के लिए एक ओपन-एयर थिएटर, वाटर पॉइंट, एटीएम कियोस्क और मुद्रा विनिमय केंद्र बनाना भी प्रस्ताव में शामिल है।
गुलाटी ने कहा, “कई पर्यटन स्थलों पर पाकिर्ंग की पर्याप्त जगह नहीं है, वहां विभाग ने पर्यटकों अपनी ई-रिक्शा सेवा शुरू करने का प्रस्ताव दिया है।”
–आईएएनएस