उप्र के किसानों का विरोध प्रदर्शन आश्वासन पर खत्म

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नई दिल्ली, 21 सितंबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश व दिल्ली की सीमा पर कई घंटों तक डेरा डाले किसानों ने अपना विरोध प्रदर्शन समाप्त कर दिया है। किसानों की 15 में से पांच मांगें मानने के कृषि मंत्रालय के आश्वासन पर विरोध प्रदर्शन खत्म किया गया। विरोध मार्च का नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान संगठन के उत्तर प्रदेश प्रभारी राजेंद्र यादव ने आईएएनएस को बताया, “किसानों की एक टीम कृषि मंत्रालय के अधिकारियों से मिलने गई थी। उन्होंने 15 में से पांच मांगों पर सहमति जताई है। हमें बताया गया कि प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री दोनों शहर में नहीं हैं और जैसे ही वे उपलब्ध होंगे, शेष 10 मांगों पर भी चर्चा की जाएगी।”

अधिकारियों ने फसलों के साथ ही किसानों और उनके परिवारों के लिए बीमा योजना की मांग, गन्ने के लिए 14 दिनों में भुगतान, नदियों को प्रदूषण मुक्त बनाने और फसल दर निर्धारण में किसानों की भागीदारी सुनिश्चित करने वाली मांगों पर अपनी सहमति जताई है।


यादव ने कहा, “बैठक से हमारी टीम के लौटने के बाद हमने अपना विरोध समाप्त कर दिया है।”

अपनी मांगों पर ध्यान आकर्षित करने के लिए दिल्ली की ओर जा रहे उत्तर प्रदेश के सैकड़ों किसानों को उप्र व दिल्ली सीमा पर रोक दिया गया। किसी भी अवांछित स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षा को भी चाक-चौबंद कर दिया गया था।

किसानों ने 11 सितंबर को सहारनपुर में यह मार्च शुरू किया था और वह शनिवार को इसे दिल्ली के किसान घाट पर समाप्त करना चाहते थे। उन्हें हालांकि राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई।


किसानों की अन्य मांगों में सभी के लिए मुफ्त स्वास्थ्य और शिक्षा, पश्चिमी उप्र में एक उच्च न्यायालय की खंडपीठ स्थापित करना, भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) द्वारा स्वामीनाथन पैनल की रिपोर्ट का मुद्दा और बिजली कंपनियों का ऑडिट शामिल है।

यादव ने कहा, “हम यह भी मांग कर रहे हैं कि किसानों के सभी कर्ज माफ किए जाएं और सांसदों व विधायकों की पेंशन बंद की जाए।”

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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