उप्र में 17 जमाती आरोप मुक्त

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लखनऊ, 19 फरवरी (आईएएनएस)। लखनऊ की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुशील कुमारी ने कोविड महामारी के चलते किए गए लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले तब्लीगी जमात के 17 सदस्यों को बरी कर दिया है। इन सभी पर आईपीसी, विदेशी अधिनियम और महामारी रोग अधिनियम के तहत कई आरोप लगे थे।

अदालत ने देखा कि इन लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए प्रथम ²ष्टया कोई सबूत मौजूद नहीं थे। इन 17 में से 7 विदेशी नागरिक हैं और बाकी 10 भारतीय हैं। ये सभी विदेशी नागरिक इंडोनेशिया के हैं। इनकी पहचान इद्रस उमर, अदेकुशतिवा सम्शुलहादी, इमाम सफी, सरनो, हेंडेरा सिम्बोलो, सतीजो जोदिसनो बेदजो और डेडिक स्कंदर शामिल हैं। इन सभी ने अदालत में अर्जी लगाई थी कि वे पिछले साल 20 जनवरी को वैध वीजा और पासपोर्ट पर भारत आए थे और 2 मार्च, 2020 को इंडोनेशिया में कोविड का पहला मामला दर्ज किया गया था।


पुलिस ने इन पर आईपीसी की धारा 188, 269, 270 और 271, विदेशी अधिनियम की धारा 14 और महामारी रोग अधिनियम की धारा 3 के तहत मामला दर्ज किया था। इन सभी को इन मामलों में पहले ही जमानत मिल चुकी थी।

वहीं जिन 10 भारतीयों को बरी किया गया, उनके नाम अशरफ पी.के., शाहजहां अली, ख्वाजा सबीहुद्दीन, मोहम्मद शकील, मोहम्मद अहमद, डॉ. मासीउल्ला खान, मोहम्मद तारिक, वसीम अहमद, मोहम्मद मुस्तफा और रिजवानुल हक शामिल हैं। कोर्ट ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मोहम्मद शाहिद को भी बरी कर दिया है।

–आईएएनएस


एसडीजे-एसकेपी

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