उप्र में अधिकारी ही पहुंचा रहे राजस्व की हानि

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 बिंदकी, 7 नवंबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के बिंदकी में इन दिनों अधिकारियों की मिलीभगत से राजस्व की काफी हानि हो रही है।

  बिहार में मंडी शुल्क में छूट होने के चलते वहां के कागजों से व्यापारी बड़ी हेरा-फेरी कर रहे हैं। बिंदकी के नवीन गल्ला मंडी में अधिकारियों की मिलीभगत से ढाई फीसद मंडी शुल्क बचाने का खेल चल रहा है।


व्यापारी राजेश कुमार ने बताया कि प्रदेश में सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य में 2़50 फीसद मंडी शुल्क देय होता है, जबकि बिहार में मंडी शुल्क नहीं लग रहा है। यहां के कुछ आढ़तियों ने बिहार मंडी से सेटिंग करके कागजात मंगा लिए हैं। धान की लोड होने के बाद बाहर लगे धर्म कांटे में ट्रक भेजा जाता है। धर्म कांटा पर ही बिहार के कागजात ट्रक चालक को थमा दिए जाते हैं। कागजातों में तारीख व वजन का कालम खाली रखा जाता है। आढ़ती ट्रक चालक को हाईवे पर छोड़ने जाता है। जैसे वह हाईवे पर ट्रक पहुंचता है, फिर कोई पकड़ नहीं रह जाती। ट्रक चालक बिहार से धान लोडिंग बताकर हरियाणा, पंजाब समेत अन्य प्रांतों में ले जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि एक ट्रक में धान की मात्रा 300 क्विंटल होती है। इसमें 1815 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धनराशि 5,44,500 रुपये हुई। ढाई फीसद मंडी शुल्क 13,612 रुपये। बिहार के कागज पर रोजाना 40 से 50 ट्रक माल रोजना जाता है। अगर औसत निकालेंगे तो प्रतिदिन छह-सात लाखी चोरी निकलेगी।

व्यापारी ने बताया कि ये सारा खेल अधिकारियों की मिलीभग स हो रहा है। यह रात आठ बजे से रात दो बजे तक चलता है। मंडी शुल्क चोरी में लगे कई आढ़ती कंटेनर से धान भेज रहे हैं। कुछ व्यापारियों ने मंडी निदेशक को शिकायती पत्र भेजा है।


मंडी के सचिव उमेश अवस्थी ने बताया कि इस बारे में अभी मुझे कोई जानकारी नहीं है। अगर ऐसा हो रहा है तो मामले की जांच कराई जाएगी। बिहार के कागजात पर धान ले जाने की जानकारी नहीं है। मंडी में जगह न होने के कारण कुछ आढ़तियों ने बाहर आढ़त जरूर बना ली है। अब धर्म कांटों पर निगाह रखी जाएगी, ताकि कोई बिना टैक्स दिए न जा सके।

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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