उप्र में डॉक्टरों ने फर्जी कोरोना कार्ड पहनने वालों को दी चेतावनी

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लखनऊ, 21 सितंबर (आईएएनएस)। कोरोना संक्रमण से बचने के लिए बाजार में बिक रहे ‘कोरोना कार्ड’ को लेकर डॉक्टरों ने लोगों के लिए चेतावनी जारी की है। ऐसी अफवाह है कि कोरोना कार्ड गले के चारों ओर पहना जाए तो कोरोनावायरस संक्रमण से सुरक्षा होगी।

राज्य की राजधानी की एक चिकित्सक डॉ. कमला श्रीवास्तव ने कहा, “मुझे झटका लगा कि सरकार ने इन कोरोना काडरें की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की जहमत नहीं उठाई है, जो ‘शट आउट कोरोना’, ‘कोरोना आउट’ और ‘गो कोरोना’ जैसे फैंसी नामों के साथ आते हैं। इन काडरें का किसी भी चिकित्सा प्राधिकरण द्वारा अनुमोदन नहीं किया गया हैं और हमें नहीं पता है कि इसके अंदर क्या है। उनमें से कुछ में कपूर की तरह गंध आती है।”


कार्ड को गले में पहना जाता है, जो वायरस के खिलाफ एक सुरक्षा कवच प्रदान करने का दावा करता है। इन्हें गले में आइडेंटीटी कार्ड की तरह पहना जाता है।

कानपुर के जी.एस.वी.एम. मेडिकल कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विकास मिश्रा ने कहा कि ऐसे काडरें के बारे में आईसीएमआर या डब्ल्यूएचओ द्वारा कोई दिशानिर्देश नहीं जारी किया गया है।

उन्होंने आगे कहा, “लोग खुशी-खुशी इन काडरें को पहनते हैं और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर घूमते हैं, जिससे उन्हें संक्रमण का खतरा होता है। कोई भी असत्यापित और अप्रमाणित उत्पाद किसी को वायरस से बचाएगा यह मानना पूरी तरह से मूर्खता है।”


मेडिकल स्टोर इससे अच्छी खासी राशि कमा रहे हैं और मालिकों का कहना है कि ये कार्ड केक की तरह बिक रहे हैं। इन काडरें की मूल्य 75 रुपये से लेकर 130 रुपये तक है, लेकिन लोग यह जाने बिना ही इसे खरीद रहे हैं कि वह वास्तव में फायदेमंद है भी या नहीं।

मेडिकल स्टोर के मालिक विक्रम सिंह ने कहा कि उन्हें खुद नहीं पता है कि कार्ड के अंदर क्या है क्योंकि यह पूरी तरह से पैक है और कपूर जैसी गंध आती है।

उन्होंने कहा, “पिछले दो महीनों से बिक्री में काफी वृद्धि हुई है। हम अब हर दिन 50 से 60 कार्ड बेच रहे हैं, उन पर कोई एक्सपायरी डेट भी नहीं है।”

–आईएएनएस

एमएनएस/जेएनएस

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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