उप्र में नई आबकारी नीति जारी, 34500 करोड़ की राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य

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लखनऊ, 9 जनवरी (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने नई आबकारी नीति पर मुहर लगा दी है। प्रदेश कैबिनेट ने 2021-22 के लिए आबकारी नीति को अनुमोदित कर दिया है। सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में आबकारी विभाग से 34500 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य रखा है।

इस नीति का मकसद प्रदेश में शराब उत्पादन को प्रोत्साहन देना और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस व गुड गवर्नेस को बढ़ावा देना है।


प्रदेश में अब वर्ष 2020-21 में 28,340 करोड़ रुपये के अनुमानित राजस्व के सापेक्ष वर्ष 2021-22 में 34,500 करोड़ रुपये का राजस्व संभावित है। इस नीति में प्रक्रियाओं का सरलीकरण भी किया गया है। इसके साथ ही फुटकर दुकानों में पीओएस मशीन व्यवस्था लागू की जाएगी।

अगले वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए आबकारी नीति को मंजूरी दे दी है। शराब व बीयर की दुकानों के लाइसेंस का नवीनीकरण पूर्व की भांति ही होगा। खास बात यह है कि नवीनीकरण प्रक्रिया में कोरोना संक्रमण के चलते आई दिक्कतों के मद्देनजर मौजूदा लाइसेंसी विक्रेताओं के लिए पूर्व में तय मानक शिथिल किए गए हैं। नवीनीकरण के बाद जो दुकानें बचेंगी, उनके आवंटन के लिए लाटरी ड्रॉ होगा।

उपभोक्ताओं को सस्ती व गुणवत्तापूर्ण शराब उपलब्ध करवाने के लिए ग्रेन ईएनए से निर्मित उच्च गुणवत्ता युक्त यूपी मेड लिकर की टेट्रा पैक में बिक्री देशी शराब की दुकानों से अधिकतम फुटकर विक्रय मूल्य 85 रुपये में होगी। वहीं, देशी शराब के अधिकतम फुटकर विक्रय मूल्य में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई है।


वर्ष 2021-22 में आबकारी विभाग की समस्त प्रक्रियाओं को कम्प्यूटराज्ड कर इंटीग्रेटेड सप्लाई चेन मैनेजमेंट सिस्टम लागू होगा। फुटकर दुकानों से बिक्री पीओएस मशीन से करने की व्यवस्था भी लागू होगी। इसके अलावा फुटकर दुकानों पर भी ई-पोस मशीन अब अनिवार्य होगी।

इस नीति के तहत, प्रदेश में शराब उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में उत्पादित फल से प्रदेश में निर्मित शराब आगामी पांच साल के लिए प्रतिफल शुल्क से मुक्त होगी। विंटनरी अपने परिसर में स्थानीय उत्पादित वाइन की फुटकर बिक्री कर सकेगी। विंटनरी परिसर में एक वाइन टैवर्न जहां वाइन को पसंद करने वालों को वाइन टेस्टिंग की अनुमति होगी, स्थापित किया जाएगा।

90 एमएल की बोतलों में विदेशी शराब की बिक्री रेगुलर श्रेणी में अनुमन्य होगी। कम तीव्रता के मादक पेय (एलएबी) की बिक्री बीयर की दुकानों के अतिरिक्त विदेशी शराब फुटकर दुकानों, मॉडल शॉप और प्रीमियम रिटेल वेंड में अनुमन्य होगी।

बीयर की एमआरपी पड़ोसी राज्यों से अधिक होने और कोविड के कारण बीयर की खपत पर प्रभाव को देखते हुए बीयर पर प्रतिफल शुल्क को कम किया गया है। बीयर की शेल्फ लाइफ नौ महीने की होगी।

–आईएएनएस

वीकेटी/एसजीके

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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