उप्र में रेत खनन कम करने के लिए रिसाइक्लिंग की योजना

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नोएडा, 18 जनवरी (आईएएनएस)| इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन फॉउंडरी के अध्यक्ष शशि कुमार जैन ने शुक्रवार को कहा कि उत्तर प्रदेश के आगरा, गाजियाबाद, मुरादाबाद, अलीगढ़, कानपुर और लखनऊ में स्थित फॉउंडरी उद्योग की इकाइयों को संयुक्त रूप से रिसाइक्लिंग संयंत्र लगाने के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा ताकि नदियों के तटों से रेत खनन को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि इससे पर्यावरण में सुधार होगा और अवैध खनन पर लगाम लगेगी।

वह यहां देश के फॉउंडरी उद्योग के सबसे बड़े औद्योगिक संगठन इंडियन फॉउंडरी कांग्रेस के 67वें वार्षिक अधिवेशन के अवसर पर यहां बोल रहे थे।


उन्होंने कहा कि उपयोग की गई रेत को दोबारा धोने तथा गरम करके इनमें से बांडिंग एजेंट को हटा कर दोबारा उपयोग में लाया जा सकता है और इससे 80 प्रतिशत रेत को दोबारा उपयोग में लाया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि फाउंडरी उद्योग के उत्पादों की 30 फीसदी खपत ऑटो उद्योग में होती है और इस समय ऑटो उद्योग को सालाना चार अरब डॉलर के उत्पादों की आपूर्ति की जा रही है। उन्होंने कहा कि 2025 तक ऑटो उद्योग की मांग में चार गुना इजाफा होने की उम्मीद है।

जैन ने कहा कि फाउंडरी उद्योग के उत्पादों का निर्यात इस समय 25 करोड़ अमेरिकी डॉलर है और उम्मीद है कि अगले पांच साल में निर्यात बढ़कर 50 करोड़ डॉलर हो जाएगा।


उन्होंने बताया कि इस समय उत्तर प्रदेश की फॉउंडरी में करीब दो अरब डॉलर मूल्य के अनेक उत्पाद बनाए जाते हैं और इस उद्योग में पचास हजार परिवारों को रोजगार मिलता है। उन्होंने कहा कि अगले पांच साल में एक लाख परिवारों को फॉउंडरी उद्योग द्वारा रोजगार प्रदान किया जाएगा।

जैन ने कहा कि इस समय लगभग 500 फॉउंडरियों द्वारा रेलवे को सात हजार करोड़ रुपये के कल पुर्जे मुहैया करवाए जा रहे हैं और रेलवे के आधुनिकीकरण से आने वाले दिनों में फॉउंडरी उद्योग द्वारा दस हजार करोड़ रुपये के कल पुर्जे मुहैया करवाए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के फॉउंडरी उद्योग में निर्मित तांबे और कांसे के हस्तशिल्प और कलात्मक वस्तुओं की अंतर्राष्ट्रीय बाजार में काफी मांग है।

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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