UP Board Result 2019: किसान की बेटी ने बिना कोचिंग पाई थर्ड रैंक, अब आइएएस बनने की है ‘आकांक्षा’

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UP Board Result 2019: किसान की बेटी ने बिना कोचिंग पाई थर्ड रैंक, अब आइएएस बनने की है ‘आकांक्षा’

उत्तर प्रदेश 12वीं बोर्ड की परीक्षा में आकांक्षा शुक्ला ने 500 में से 474 अंक(94.80 प्रतिशत) हासिल कर मेरिट लिस्ट में तीसरा स्थान हासिल किया है। एसपी इंटर कॉलेज सिकरो कोरांव की छात्रा रहीं किसान की बेटी आकांक्षा ने कोचिंग से ज्यादा खुद तैयारी करने पर जोर दिया। यही उनकी सफलता का सबसे बड़ा मंत्र है।

मूलरूप से प्रयागराज जिले के सबसे पिछड़े इलाके कोरांव के रवनिया गांव की रहने वाली आकांक्षा के पिता अवधेश कुमार शुक्ला सामान्य किसान हैं और मां अंजू गृहिणी। इंटर में गणित, भौतिकी और रसायन विज्ञान जैसे कठिन विषयों को लेकर पढ़ाई करने वाली आकांक्षा ने कोचिंग की मदद नहीं ली। स्कूल का मार्गदर्शन और घर में रहकर की गई पढ़ाई से ही उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है।


किसान हैं आकांक्षा के पिता

आकांक्षा के पिता अवधेश कुमार शुक्ला किसान हैं, लेकिन उन्होंने अपने तीन बच्चों की पढ़ाई से कोई समझौता नहीं किया। आकांक्षा के बड़े भाई ईसीसी से बीए कर रहे हैं। छोटी बहन एसपी इंटर कॉलेज सिकरो में ही इंटर की छात्रा है। आकांक्षा ने हाईस्कूल की परीक्षा में काफी मेहनत की, लेकिन 90 फीसद अंक ही हासिल कर सकीं थीं। इसलिए इंटरमीडिएट की परीक्षा में पहले से तय कर रखा था कि टॉप करना है। कड़ी मेहनत का परिणाम भी आया।

शिक्षकों के साथ परिजनों को दिया सफलता का श्रेय

आकांक्षा कहती है, उनकी सफलता में गुरुजनों के साथ पिता की महत्वपूर्ण भूमिका है। पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए पिता ने आकांक्षा, उसकी बहन और मां को कोरांव में किराए पर कमरा दिलाया। आकांक्षा ने स्वयं सभी विषयों की तैयारी की क्योंकि हाईस्कूल की परीक्षा में कोचिंग के कारण वह बेहतर पढ़ाई नहीं कर सकी थीं। आकांक्षा ने बताया कि वह एक अध्याय को चार से पांच बार पढ़ती थीं। हर बार पढऩे पर नई जानकारी जुड़ जाती थी। कोचिंग करने पर रिवीजन करने का मौका कम मिलता था।


IAS बनने का है सपना

मेरिट लिस्ट में तीसरा स्थान हासिल करने वाली आकांक्षा शुक्ला आईएएस अफसर बनना चाहती हैं। उन्होंने कहा- “मेरा सपना आईएएस अफसर बनकर समाजसेवा करना है, इसके लिए मैं आईआईटी का रास्ता चुनना चाहती हूं।”

दिन में 10-11 घंटे की पढ़ाई, कोचिंग की जरूरत ही नहीं पड़ी

बोर्ड परीक्षा की तैयारी पर उन्होंने कहा कि मेरा सबसे पसंदीदा विषय भौतिक विज्ञान है। इस सब्जेक्ट में उन्हें लिखित परीक्षा में 70 में से 60 और प्रैक्टिकल में 30 में से पूरे 30 नंबर मिले हैं। वह दिन में दस से ग्यारह घंटे पढ़ाई करती थीं, लेकिन किसी एक विषय को एक घंटे से अधिक नहीं पढ़ती थीं। इतनी पढ़ाई के बाद उन्हें ट्यूशन की जरूरत कभी महसूस नहीं हुई।

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