लोकसभा चुनाव: सपा की चौथी लिस्ट में 5 उम्मीदवारों के नाम, अपर्णा यादव को नहीं मिला टिकट

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लोकसभा चुनाव: सपा की चौथी लिस्ट में 5 उम्मीदवारों के नाम, अपर्णा यादव को नहीं मिला टिकट

उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र समाजवादी पार्टी की चौथी लिस्ट शुक्रवार को जारी हो गयी है। लेकिन उम्मीदवारों की यह नई लिस्ट अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव के बीच तकरार की वजह बन सकती है। इस लिस्ट में पांच नाम हैं, लेकिन मुलायम की बहू अपर्णा यादव गायब हैं। चर्चा है कि अपर्णा संभल से चुनाव लड़ना चाहती हैं, लेकिन उन्हें दरकिनार कर पार्टी ने शफीकुर रहमान बर्क को टिकट दे दिया गया। सूत्रों की मानें तो अपर्णा ने टिकट के लिए अपने ससुर (मुलायम) से सिफारिश भी की थी, लेकिन पार्टी अध्यक्ष (अखिलेश) ने उन्हें टिकट नहीं दिया।

सपा की इस लिस्ट में गोंडा लोकसभा से विनोद कुमार उर्फ पंडित सिंह, राम सागर रावत को बाराबंकी, तबस्सुम हसन को कैराना और शफीकुर रहमान बर्क को संभल लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है। इसके अलावा गाजियाबाद से पार्टी ने सुरेंद्र कुमार उर्फ़ मुन्नी शर्मा को टिकट दिया है। इस लिस्ट की खास बात यह है कि संभल सीट से अपर्णा यादव टिकट मांग रही थीं लेकिन उनकी जगह अखिलेश ने शफीकुर रहमान पर भरोसा जताया।


अब तक 15 सीटों पर घोषित हुए प्रत्याशी

बता दें कि अखिलेश यादव ने अभी तक उत्तर प्रदेश की 15 सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए हैं। पहली लिस्ट में छह प्रत्याशियों के नाम घोषित किए गए, जिसमें सबसे पहला नाम एसपी संरक्षक मुलायम सिंह का था। मुलायम को मैनपुरी, धर्मेंद्र यादव को बदायूं, अक्षय यादव को फिरोजाबाद, कमलेश कठेरिया को इटावा, भाईलाल कोल को रॉबर्ट्सगंज और शब्बीर बाल्मीकि को बहराइच से टिकट दिया। दूसरी लिस्ट में खीरी से डॉ. पूर्वी वर्मा, हरदोई से ऊषा वर्मा और कन्नौज से डिंपल यादव को प्रत्याशी बनाया गया। वहीं हाथरस से रामजी लाल सुमन और मिर्जापुर से राजेंद्र एस बिंद को प्रत्याशी घोषित किया।

मुलायम ने की थी सिफारिश

खबर है कि मुलायम ने छोटी बहू को संभल से टिकट दिलवाने के लिए गुरुवार को ही अखिलेश से बात की थी। सूत्रों की मानें तो अखिलेश अपर्णा को टिकट नहीं देना चाहते थे, इसलिए उन्होंने 24 घंटे के अंदर संभल सीट से दूसरे प्रत्याशी का नाम घोषित कर दिया। जब अपर्णा से इस बारे में पूछा गया था तो उन्होंने कहा था कि उनके बारे में नेताजी जो भी निर्णय लेंगे, वह उसका सम्मानपूर्वक पालन करेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि वह राजनीति में सिर्फ नेताजी की वजह से हैं।


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