उत्तर प्रदेश के उन्नाव में एक मदरसे के बच्चों की जय श्री राम के नारे नहीं लगाने पर पिटाई की गई। इस घटना में कई बच्चे जख्मी हो गए हैं। जामा मस्जिद के मौलाना नईम मिस्बाही ने आरोप लगाया है कि कुछ लोगों ने क्रिकेट खेल रहे छात्रों को ‘जय श्रीराम’ बोलने के लिए कहा। मौलाना ने कहा कि ‘जय श्रीराम’ न बोलने पर उपद्रवियों ने पहले छात्रों के साथ बदसलूकी की। इसके बाद बच्चों पर पथराव किया गया। हमलावरों ने कई बच्चों की साइकिल भी तोड़ दी। उनका आरोप है कि हमला करने वाले लोग बजरंग दल से जुड़े थे।
मीडिया खबरों के मुताबिक, उन्नाव सिटी के सीओ उमेश चंद्र त्यागी ने कहा कि जामा मस्जिद मदरसे के तीन बच्चे गवर्नमेंट इंटर कॉलेज में क्रिकेट ग्राउंड पर दो समूहों के बीच झड़प के दौरान घायल हो गए, जहां ये बच्चे क्रिकेट खेलने गए थे। इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच की जा रही है। पुलिस ने घायल हुए तीन बच्चों का मेडिकल करवाया है और आरोपियों की तलाश कर रही है। कुछ लोग हिरासत में भी लिए गए हैं और उनसे पूछताछ की जा रही है।
नहीं थम रहा ‘राम’ के नाम पर गुंडागर्दी का सिलसिला
बता दें कि इससे पहले असम के बारपेटा जिले में चार उपद्रवियों ने तीन मुस्लिम युवकों की पिटाई कर दी थी और उन्हें जय श्री राम बोलने के लिए मजबूर किया था। कुछ समय पहले यूपी के कानपुर से भी इसी तरह का मामला सामने आया था। तब कानपुर के बर्रा इलाके में एक मुस्लिम किशोर की कुछ लोगों ने जमकर पिटाई कर दी थी। किशोर का आरोप था कि वह नमाज पढ़ कर घर लौट रहा था और उसने टोपी पहन रखी थी और तभी तीन-चार अज्ञात बाइक सवार लोगों ने उसे रोक लिया और जय श्री राम का नारा लगाने को कह रहे थे। जब उसने यह कहने से इनकार किया तो उसकी पिटाई कर दी गई।
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इसके अलावा झारखंड में मोटर साइकिल चोरी के आरोपी 24 वर्षीय शम्स तबरेज को एक पोल से बांधकर बुरी तरह से पीटा गया था। इसके साथ ही जबरन उससे ‘जय श्री राम’ और ‘जय हनुमान’ के नारे लगवाये गए थे। उसके बेहोश होने के बाद उसे प्रशासन को सौंप दिया गया था, पुलिस हिरासत में चार दिन बाद उसकी मौत हो गई थी।