उत्तर प्रदेश में एक ओर जहां कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ता जा रहा है वहीं इस बीमारी से मरने वालों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कोरोना वायरस से पहली मौत हुई है। इस व्यक्ति की मौत तीन अप्रैल को हो गई थी। रविवार को संदिग्ध की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार को वाराणसी के गंगापुर के रहने वाले एक व्यापारी की तबीयत ज्यादा खराब होने पर उसे बीएचयू के कोरोना वार्ड में भर्ती किया गया था। जांच रिपोर्ट आने से पहले ही व्यापारी ने दम तोड़ दिया। रविवार की सुबह रिपोर्ट पॉजिटिव आते ही हड़कंप मच गया। गंगापुर स्थित उसके मुहल्ले को सील करते हुए लोगों की आवाजाही रोक दी गई है। पूरे इलाके को सील करते हुए सेनेटाइज करने की तैयारी की जा रही है।
स्वास्थ्य विभाग की टीम व्यापारी के परिवार और मिलने-जुलने वालों का भी सैंपल लेने की तैयारी कर रही है। जिस आईसीयू में व्यापारी को भर्ती किया गया था अब उसे भी सेनेटाइज किया जा रहा है। व्यापारी 15 मार्च को कोलकाता से लौटा था। वह पहले से मधुमेह और उच्च रक्तचाप से भी पीड़ित था।
पूर्वांचल में 18 कोरोना वायरस के मामले
पूर्वांचल में कोरोना वायरस के अब तक 18 मामले सामने आ चुके हैं। आज वाराणसी और गाजीपुर में दो-दो नए मामले सामने आए हैं। इसमें एक 55 वर्षीय शख्स की मौत हो तीन अप्रैल को हो गई थी, जिसकी रविवार को कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आई है। शनिवार को मिर्जापुर-गाजीपुर में दो मामले सामने आए। शुक्रवार को वाराणसी में तीन नए मामले सामने आए और आजमगढ़ में भी तीन नए कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज मिले।
बताते चलें कि उत्तर प्रदेश में रविवार को 16 नए मरीजों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई। इनमें 15 मरीज तबलीगी जमात से जुड़े हैं। प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या 264 हो गई है। इसमें 123 मरीज ऐसे हैं जो दिल्ली के निजामुद्दीन तबलीगी जमात से लौटे हैं। यूपी में अब कोरोना वायरस का संक्रमण कुल 30 जिलों तक फैल गया है। मरने वालों की संख्या तीन हो गई है।