Uttarakhand: इंटरव्यू में था टॉपर, 30 साल के लंबे संघर्ष के बाद मिली सरकारी नौकरी, जानें क्या है पूरा मामला?

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Uttarakhand: इंटरव्यू में था टॉपर, 30 साल के लंबे संघर्ष के बाद मिली सरकारी नौकरी, जानें क्या है पूरा मामला?

अगर कोई इंसान काबिल है तो उसे सफलता एक दिन जरूर मिलती है, देर से ही सही लेकिन मिलती जरूर है। कुछ ऐसी ही सफलता का उदाहरण हैं 55 साल के जेराल्ड जॉन। तीस साल से अपने साथ हुई नाइंसाफी के खिलाफ जंग लड़ रहे जेराल्ड के आगे राज्य सरकार को आखिरकार झुकना ही पड़ा।

जो नौकरी जेराल्ड को इस साल यानी 2021 में मिली है वो उन्हें साल 1989-90 में ही मिल जानी चाहिए थी। जेरॉल्ड को शिक्षा सचिव आर. मीनाक्षीसुंदरम के आदेश के बाद सीएनआई ब्वायज इंटर कॉलेज में कॉमर्स के प्रवक्ता के रूप में ज्वाइन कराया गया है। इस संबंध में कॉलेज के प्रधानाचार्य जेबी पॉल ने बताया कि शासन के निर्देश पर जेरॉल्ड जॉन को प्रवक्ता-कॉमर्स के रूप में ज्वाइन करा दिया गया है।


दरअसल, सीएनआई इंटर कॉलेज में कॉमर्स के शिक्षक पद पर 1989 में भर्ती हो रही थी। खबरों की मानें तो मेरिट लिस्ट में जेराल्ड का पहला नंबर था पर नौकरी किसी और को मिल गई। योग्य होने के बावजूद नकारे जाने के खिलाफ जेराल्ड ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। वो एक बार हाईकोर्ट में हार गए पर उन्होंने हिम्मत कभी नहीं हारी।

26 सितंबर 2018 को हाईकोर्ट ने जेराल्ड का दावा सही पाते हुए सरकार को उन्हें नियुक्ति देने के आदेश दे दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि वर्ष 1989 से अब तक के करीब डेढ़ करोड़ रुपये के देयक भी देने होंगे। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सरकार की एसएलपी भी सुप्रीम कोर्ट से खारिज हो गई।

इसके बाद शिक्षा विभाग ने कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने पर अवमानना वाद दायर होने पर आननफानन में कार्रवाई की। सचिव आर. मीनाक्षीसुंदरम ने कोर्ट के आदेश के अनुसार जेराल्ड को ज्वाइन कराने के आदेश दिए। हालांकि, सरकार एक बार फिर से पुनर्विचार याचिका भी दायर करने जा रही है।


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