मॉनसून के रफ़्तार पकड़ते ही उत्तराखंड में बारिश ने तबाही मचानी शुरू कर दी है। उत्तराखंड से ऐसी ख़बरें आनी शुरु हो गई हैं जिनकी बारिश में आशंका होती है। रुद्रप्रयाग में मौसम की पहली बारिश से ही तबाही का आलम है। यहां के सारी चमसील गांव में गुरुवार सुबह बादल फट गया। जानकारी के मुताबिक, बादल फटने से आए पानी के तेज प्रवाह और मलबे में करीब 30 मीटर सड़क बह गई है। इससे गांव के पेयजल लाइनें भी ध्वस्त हो गई हैं। कृषि भूमि को भी नुक़सान बताया जा रहा है।
गौरतलब है कि गांव में मानसून की पहली बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बादल फटने से गांव को जोड़ने वाली सड़क, कृषि भूमि और पेयजल लाइनों को नुकसान हुआ है, हालांकि किसी भी जान माल के नुकसान की खबर नहीं है। मौके पर प्रशासन के आला अधिकारी पहुंच गए हैं।
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आपको बता दें कि रुद्रप्रयाग जनपद आपदा की दृष्टि से काफी संवेदनशील है। यहां पर आपदा की घटनाएं घटित होती रहती हैं। विशेषकर केदारघाटी में आपदा की घटनाओं का इतिहास रहा है। दैवीय आपदा की घटनाओं में भारी जन व धन हानि होती रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए किसी भी आपदा की स्थिति में त्वरित राहत व बचाव कार्य शुरू हो सके, तथा कम से कम जन हानि हो इसके लिए डीएम मंगेश घिल्डियाल ने जनपद के विभिन्न क्षेत्रों व तहसील मुख्यालय में कुशल प्रशिक्षित जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की छह टीमें तैनात की हैं। जिसमें केदारनाथ में पांच सदस्यीय डीडीआरएफ टीम में सुनील कुमार को सेक्टर मजिस्ट्रेट बनाया गया है, इसके नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम राहत बचाव का कार्य करेगी।