उत्तराखंड में पहाड़ों के वजह से स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति थोड़ी दिक्कत भरी रहती है। पछवादून और जौनसार बावर जैसे जनजातीय क्षेत्रों में तो स्वास्थ्य सुविधाएं बेहद निराशाजनक हैं।
उपचार के लिए क्षेत्र के अधिकांश लोग उप-ज़िला चिकित्सालय विकासनगर पर निर्भर हैं और इसकी वजह से अस्पताल में खासी भीड़ लगी रहती है। स्टाफ समेत अन्य सुविधाओं के अभाव में अस्पताल में भी लोगों को बेहतर सुविधा नहीं मिल पाती है। मजबूरन लोगों को देहरादून जाना पड़ता है।
ऐसे में एक बड़ी राहत देने वाली खबर सामने आ रही है। मां क्लीनिक नाम से एक क्लीनिक क्षेत्र के लोगों के लिए बेहतर विकल्प बनकर सामने आ रही है।
क्लीनिक के मालिक जीवनगढ़ निवासी समाजसेवी सुहेल पाशा की मां का देहांत कुछ समय पूर्व हुआ था। सुहेल पाशा ने बताया कि उनकी मां ने मरने से पूर्व गांव के गरीबों ग्रामीणों को मुफ्त इलाज दिलवाने की दिशा में काम करने की इच्छा जताई थी। जिसे पूरा करने के लिए ही उन्होंने यह क्लीनिक खोला है।
बता दें कि इस क्लीनिक में हर बुधवार को बाहर से आए डॉक्टर मरीज़ों की जांच करेंगे। दवाई भी मरीजों को क्लीनिक के माध्यम से गरीबों को मुफ्त दी जाएगी। दवा समेत डाक्टरों को क्लीनिक में लाने का खर्च भी क्लीनिक के मालिक सुहेल पाशा ही उठाते हैं।
सुहेल पाशा का कहना है कि, उनकी योजना क्लीनिक को रोज़ खोलने की तो है ही यह भी कोशिश है कि मुफ़्त दवाओं के साथ विभिन्न तरह के टेस्ट भी मुफ़्त करवाए जाएं। गरीबों को मुफ्त में संपूर्ण स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाना ही उनका लक्ष्य है।