उत्तर भारत में इथेनॉल उत्पादन करने वाली पहली मिल पिपराइच में : राणा

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नई दिल्ली, 25 सितम्बर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश गन्ना विकास और चीनी उद्योग मंत्री सुरेश राणा ने बुधवार को कहा कि पिपराइच चीनी मिल उत्तर भारत की पहली चीनी मिल होगी जिसमें गन्ने के जूस से सीधे इथेनॉल का उत्पादन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने बंद पड़ी गोरखगपुर स्थित पिपराइच और बस्ती जिले की मुंडेरवा चीनी मिलों को फिर से चालू कर इन्हें अत्याधुनिक बनाने का फैसला लिया जिनमें सल्फर मुक्त चीनी का उत्पादन होगा।

उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश चीनी निगम की इन दोनों चीनी मिलों को अत्याधुनिक बनाने के लिए सरकार ने 1,100 करोड़ रुपये का पैकेज की घोषणा की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में प्रदेश मंत्रिमंडल ने इस बाबत फैसला लिया है।


उन्होंने आईएएनएस को बताया कि पिपराइच और मुंडेरवा चीनी मिलों में बिजली उत्पादन और इथेनॉल उत्पादन के संयंत्र लगाए जाएंगे, जो आधुनिक प्रौद्योगिकी से लैस होंगे और इनमें सल्फर मुक्त चीनी का उत्पादन होगा।

राणा ने कहा, “देश में सल्फर मुक्त चीनी की काफी मांग है और यह चीनी बाजार में 200 रुपये क्विंटल अधिक दाम पर बिकती है।”

उन्होंने कहा कि इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी। उन्होंने कहा, “योगी सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को साकार करने की दिशा में काम कर रही है।”


दोनों चीनी मिलें अगले गन्ना पेराई सीजन 2019-20(अक्टूबर-सितंबर) से ही चालू हो जाएंगी जबकि अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी से सल्फर मुक्त चीनी का उत्पादन 2020-21 में शुरू होगा।

उन्होंने बताया कि दोनों चीनी मिलों में प्रत्येक में रोजाना 5,000 टन गन्ने की पेराई होगी जिससे 27 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा।

राणा ने बताया कि पिपराइच चीनी मिल में 120 किलोलीटर रोजाना इथेनॉन उत्पादन की क्षमता होगी जोकि सीधे गन्ने के जूस से किया जाएगा।

उन्होंने कहा, “यह उत्तर भारत की पहली चीनी मिल होगी जिसमें गन्ने के जूस से सीधे इथेनॉल का उत्पादन किया जाएगा।”

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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