वाराणसी : बच्चा चोरी की अफवाह के कारण स्कूलों में उपस्थिति घटी

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वाराणसी, 18 सितंबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश में इन दिनों बच्चा चोरी की अफवाहें जोरों पर हैं। शहरों के अलावा अब इसका असर ग्रामीण इलाकों में भी बढ़ने लगा है। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में कथित तौर पर इसी कारण बच्चों की उपस्थिति कम होने लगी है। सूत्रों के अनुसार, जनपद के विभिन्न प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में विद्यार्थियों की उपस्थिति औसतन 50 फीसदी घट गई है। अफवाह का सर्वाधिक असर आराजी लाइन ब्लॉक के स्कूलों में देखने को मिला। आराजी लाइन में कई स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति करीब 71 प्रतिशत घट गई है। इसके अलावा प्राथमिक विद्यालय जगतपुर, महेशपुर, केशरीपुर में छोटे बच्चों की संख्या लगातार कम होती जा रही है।

वाराणसी के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जय सिंह ने बताया, “बच्चा चोरी की फैली अफवाहों को देखते हुए खंड शिक्षा अधिकारियों व शिक्षकों से अभिभावकों को जागरूक करने को कहा गया है। शिक्षक लगातार अभिभावकों को जागरूक भी कर रहे हैं। इसका असर अब धीरे-धीरे दिखने भी लगा है। स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ रही है। पहले जिन विद्यालयों में बच्चे लगभग 25 से 30 प्रतिशत आते थे, अब वहां 50 प्रतिशत बच्चों ने आना शुरू कर दिया है।”


सूत्रों के अनुसार, अब स्कूलों के प्रधानाचार्य और अध्यापक घर-घर जाकर बच्चों के अभिभावकों से संपर्क कर रहे हैं। बच्चों को प्रार्थना सभा में समझाया जा रहा है कि किसी अनजान व्यक्ति से बात न करें और समूह में आएं। इसके अलावा कुछ विद्यालयों ने बच्चों को स्कूल लाने व ले जाने की जिम्मेदारी रसोइयां को सौंप दी है।

सूत्रों ने बताया कि बच्चों को निर्देश दिया गया है कि वे घर से सीधे स्कूल आएं और रास्ते में किसी भी अनजान व्यक्ति से कोई बात न करें। तमाम प्रयासों के बावजूद बच्चों से अधिक अभिभावक दहशत में हैं।

मुस्लिम इलाकों से तमाम बच्चे अब भी स्कूल नहीं आ रहे हैं। उनके अभिभावकों को ग्राम प्रधान भी समझाने में जुटे हुए हैं। इसके बावजूद अफवाहें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। हालत यह है कि तमाम अभिभावक अब अपने बच्चों को स्वयं स्कूल छोड़ने व लेने आ रहे हैं।


महेशपुर गांव की रमा देवी ने बताया, “मेरे दो बच्चे प्राथमिक विद्यालय में पढ़ते हैं। बच्चा चोरी की अफवाह के बाद हमने दो-तीन दिन शुरू में बच्चों को स्कूल नहीं भेजा था। अब मैं स्वयं बच्चों को छोड़ने और लेने जा रही हूं। इस कारण हमारा और काम प्रभावित हो रहा है।”

परोसपुर के जगरूप ने बताया, “बच्चा चोरी की अफवाह सुनने को मिल रही है। लोगों का कहना है कि बच्चे को अकेले स्कूल न भेंजे। इसे देखते हुए पहले हमने बच्चों का स्कूल जाना बंद करवा दिया था। बाद में उन्हें खुद लाना-ले जाना शुरू कर दिया।”

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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