वाटर स्पोर्ट्स और साहसिक गतिविधियों का केंद्र ‘हनुवंतिया’

  • Follow Newsd Hindi On  

खंडवा, 3 जनवरी (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश के खंडवा जिले का हनुवंतिया टापू नए पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित हो रहा है। यहां शुक्रवार से शुरू हुए जल महोत्सव में आने वाले पर्यटकों को वाटर स्पोर्ट्स का आनंद तो मिलता ही रहा है, साथ में उन्हें यहां की साहसिक गतिविधियां रोमांचित करा रही हैं। इसके अलावा खान-पान की बेहतर सुविधा के साथ कला और संस्कृति से भी रूबरू होने का मौका मिला है।

इंदिरा सागर बांध एशिया का दूसरा सबसे बड़ा मानव निर्मित जलाशय है। इस स्थल पर नर्मदा नदी पर बांध के बैकवटर से बड़ी संख्या में प्राकृतिक रूप से उभरकर टापू निर्मित हुए हैं। उन्हीं में से एक हनुवंतिया है, जिसे राज्य के पर्यटन विकास निगम ने पर्यटन केंद्र के तौर पर विकसित किया है। यहां हर साल जल महोत्सव का आयोजन किया जाता है।


मध्यप्रदेश के स्विटजरलैंड के तौर पर पहचाना जाने वाला हनुवंतिया टापू चारों तरफ से पानी से घिरा हुआ है। यहां ऐसा लगता है, मानो समुद्र के बीच आ गए हों। यही कारण है कि यह पर्यटकों के आकर्षण का नया केंद्र बन रहा है। राजधानी से लगभग साढ़े तीन सौ और इंदौर से लगभग 170 किलोमीटर दूर स्थित है हनुवंतिया टापू।

इस बार का हनुवंतिया जल महोत्सव एक माह चलेगा। इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री कमल नाथ ने किया। उन्होंने कहा कि पर्यटन जैसी आर्थिक गतिविधियों के माध्यम से नागरिकों को बड़ी संख्या रोजगार के अवसर मिलते हैं, जिससे उनकी आय बढ़ती है और नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार आता है, इसलिए आर्थिक गतिविधियों का प्रदेश में विस्तार किया जाएगा।

पर्यटन विभाग के सचिव फैज अहमद किदवई ने बताया कि एक महीने तक चलने वाले इस आयोजन में पर्यटकों के लिए 104 लग्जरी टेंट सिटी का अस्थायी निर्माण किया गया है। हनुवंतिया जल महोत्सव में वाटर स्पोर्ट्स के साथ ही रोमांचक साहसिक खेल-गतिविधियां भी पर्यटकों का मनोरंजन करेंगी।


इस पर्यटन स्थल पर महोत्सव के दौरान वटर स्पोर्ट्स के अंतर्गत जेट स्की, बोट राइड्स, वाटर जर्गिग, वाटर पैरासेलिंग, वायु आधारित हट एयर बलून, पैरा मोटर्स, पैरासेलिंग, आर्चरी, आइलैंड ट्रैकिंग, अल टेरेंन व्हीकल, बर्ड वाचिंग, आर्ट एंड हैंडी क्राफ्ट वर्कशॉप, स्पा, योगा, मेडिटेशन, पेंट बॉल गेम्स सहित बच्चों के खेलने के लिए किड्स जोन की सुविधा उपलब्ध है।

इन सबके अलावा पतंगबाजी, कैंप फायर, वॉलीबॉल, स्टार गैजिट, साइकिलिंग, पैरामोटरिंग, पैरासीलिंग, बर्ड वाचिंग आदि का आनंद भी पर्यटक उठा सकेंगे। यहां अप्रचलित खेल भी होंगे और क्राफ्ट बाजार व फूड जोन के जरिए यहां की कला और व्यंजन से पर्यटक परिचित होंगे, वहीं बैलगाड़ी पर तफरीह कर सकेंगे।

महोत्सव के दौरान प्रदेश की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाने वाले अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी जायेगी। इससे जल महोत्सव का सामाजिक और सांस्तिक महत्व स्वत: ही रेखांकित होगा।

नर्मदा नदी पर इंदिरा बांध के बैकवटर से बड़ी संख्या में प्राकृतिक रूप से उभरकर टापू निर्मित हुए हैं। टापुओं की इस श्रृंखला की शुरुआत इनके प्रवेशद्वार मूंदी से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित हनुवंतिया से होती है।

यह पूरा क्षेत्र नर्मदा नदी के बैक वाटर से भरा हुआ है। आस-पास के वन क्षेत्र, वन्यप्राणी और रंग-बिरंगे पक्षियों का विचरण और कोलाहल इस स्थल की रमणीकता और अधिक बढ़ा देता है। इस साल चौथा जल महोत्सव तीन फरवरी तक चलेगा।

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पर फ़ॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब भी कर सकते हैं.)