मशहूर ऑनलाइन कोचिंग टीचर और मोटिवेशनल स्पीकर अवध ओझा (Avadh Ojha) के राजनीति में उतरने की अटकलें एक बार फिर जोर पकड़ रही हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ओझा जल्द ही आम आदमी पार्टी (AAP) में शामिल हो सकते हैं और दिल्ली से विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। सोशल मीडिया पर “ओझा सर” के नाम से पहचाने जाने वाले अवध ओझा, खासकर सिविल सेवा परीक्षाओं के छात्रों के बीच बेहद लोकप्रिय हैं और उनके लाखों फॉलोअर्स हैं।
AAP से जुड़ने की अटकलें
खबरों के अनुसार, अवध ओझा ने हाल ही में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की है। यह मुलाकात दिल्ली में हुई और माना जा रहा है कि सोमवार को ओझा औपचारिक रूप से AAP का हिस्सा बन सकते हैं। यह घटनाक्रम ऐसे समय में हो रहा है जब पार्टी दिल्ली और अन्य राज्यों में अपनी पकड़ मजबूत करने के प्रयास कर रही है।
पहले भी आए थे राजनीति में उतरने के संकेत
अवध ओझा का नाम राजनीति में शामिल होने की चर्चा में नया नहीं है। इस साल हुए लोकसभा चुनावों के दौरान, वे उत्तर प्रदेश में सक्रिय भूमिका निभाने की कोशिश कर रहे थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ओझा ने प्रयागराज से भाजपा का टिकट मांगा था, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिला। इसके बाद उनके कांग्रेस से भी संपर्क में होने की खबरें थीं, खासतौर पर अमेठी से चुनाव लड़ने की अटकलें थीं।
हालांकि, किसी भी पार्टी से टिकट न मिलने की वजह से वे लोकसभा चुनाव नहीं लड़ सके। अब AAP में उनकी संभावित एंट्री राजनीति में उनकी नई शुरुआत हो सकती है।
शिक्षा क्षेत्र से राजनीति की ओर
अवध ओझा की पहचान एक अनुभवी शिक्षक और मोटिवेशनल स्पीकर के रूप में है। गोंडा, उत्तर प्रदेश के रहने वाले ओझा ने पिछले 22 वर्षों से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में 1992 में सिविल सेवा की तैयारी शुरू करने वाले ओझा खुद यूपीएससी क्रैक नहीं कर सके, लेकिन इसके बाद उन्होंने इतिहास विषय पढ़ाना शुरू किया। उनके पढ़ाने का तरीका और मोटिवेशनल स्टाइल छात्रों के बीच खासा लोकप्रिय हुआ।
सोशल मीडिया पर प्रभाव
अवध ओझा की सोशल मीडिया उपस्थिति ने उन्हें राष्ट्रीय पहचान दिलाई। उनके मोटिवेशनल वीडियो और टिप्स छात्रों को न केवल पढ़ाई के लिए प्रेरित करते हैं, बल्कि उनके जीवन को लेकर भी सकारात्मक दृष्टिकोण प्रदान करते हैं।
राजनीति में ओझा की भूमिका
अगर अवध ओझा आम आदमी पार्टी में शामिल होते हैं, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि वे अपनी शिक्षण पृष्ठभूमि और सोशल मीडिया के प्रभाव को राजनीति में कैसे इस्तेमाल करेंगे। AAP पहले ही शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर अपनी पकड़ बना चुकी है। ओझा का जुड़ना पार्टी को युवा और शैक्षणिक वर्ग के बीच और मजबूत कर सकता है।
आगामी दिनों में इस मामले पर औपचारिक घोषणा होने की संभावना है। यह देखना बाकी है कि ओझा दिल्ली की राजनीति में AAP के लिए कितने महत्वपूर्ण साबित होंगे।