वैश्विक गरीबी उन्मूलन में सीपीसी का योगदान 70 फीसदी से अधिक

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बीजिंग, 28 अक्टूबर (आईएएनएस)। साल 1921 में अपनी स्थापना के बाद से, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन मानवता की सेवा के लिए अपनी वास्तविक प्रतिबद्धता से कभी विचलित नहीं हुई। जनता के साथ किये गये वादों को पूरा करते हुए, देश की कम्युनिस्ट पार्टी अथक रूप से निराश्रित, वंचित और व्यथित लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए काम कर रही है।

दरअसल, अपने महान प्रयासों के साथ, सीपीसी ने अपनी लगभग एक शताब्दी की यात्रा के दौरान मानव जाति के लिए समृद्धि और शांति लाने में बहुत योगदान दिया है। इन सबसे ऊपर, पार्टी ने गरीबी उन्मूलन में योगदान देकर मानव इतिहास में एक अभूतपूर्व कीर्तिमान स्थापित किया है।


सीपीसी ने साल 1949 में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की स्थापना की। पार्टी ने दुनिया भर में अब तक मिटाई गई कुल गरीबी का 70 प्रतिशत से अधिक को समाप्त करने में योगदान दिया है। अपने विवेकपूर्ण नेतृत्व के तहत, पिछले सात दशकों में सीपीसी ने लाखों चीनी लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में कामयाबी पायी है।

इसके अलावा, पार्टी नेतृत्व निर्धारित है और निश्चित रूप से साल 2020 के अंत तक पूरे चीन से अत्यधिक गरीबी मिटा दी जाएगी। यह सच में एक करिश्मा है जो इतनी बड़ी आबादी होने के बावजूद चीन निरपेक्ष गरीबी समाप्त करने के मामले में दुनिया के विकासशील देशों में पहला देश बन जाएगा।

संयुक्त राष्ट्र ने साल 2030 तक दुनिया में अत्यधिक गरीबी को समाप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस मामले में, सीपीसी ने चीन को किसी अन्य गरीबी-ग्रस्त देशों से 10 साल आगे बढ़ाया है। पार्टी के नेताओं ने देश को गरीबी उन्मूलन यात्रा के अंतिम मील तक पहुंचा दिया है और अब इसकी आबादी का केवल 0.6 प्रतिशत यानी 55 लाख लोग– अत्यधिक गरीबी में हैं।


हालांकि, जबरदस्त उपलब्धि आसानी से पूरी नहीं हुई है। पार्टी के नेताओं, कार्यकतार्ओं और चीन के लोगों को बहुत लंबे और ऊबड़-खाबड़ रास्तों से गुजरना पड़ा है। क्योंकि इसकी स्थापना के समय, चीन के पास अपनी आबादी के विशाल आकार के लिए पर्याप्त भोजन और कपड़े नहीं थे। अधिकांश चीनी लोग गरीब जीवन जीते थे। उस समय प्रति व्यक्ति वार्षिक आय 100 युआन से कम थी, और वैश्विक अर्थव्यवस्था की सूची में चीन 40वें स्थान पर था।

हालांकि, सीपीसी के क्रमिक नेतृत्व द्वारा दूरगामी आर्थिक सुधारों और खुलेपन की नीति अपनाने की बदौलत, चीन गरीबी उन्मूलन में इस अविश्वसनीय सफलता को हासिल कर पाया है। देश की रहनुमानों ने वो तमाम उपाय किये जो तेजी से विस्तारित श्रम बाजार को सुविधाजनक बनाते हैं।

सीपीसी ने औद्योगिक और शहरीकरण को बढ़ावा देने के लिए व्यावहारिक और समय पर गरीबी में कमी की रणनीति भी पेश की है, जो सड़कों, बिजली और संचार प्रौद्योगिकी जैसे बुनियादी ढांचे के साथ गरीब क्षेत्रों को प्रदान करती है। रणनीतियों ने ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन का विकास किया है जो मजदूरी बढ़ाने और रोजगार पैदा करने में योगदान देता है। पार्टी ने अपनी लक्षित गरीबी उन्मूलन रणनीति को प्रभावी ढंग से लागू किया है, जो गरीबी से निपटने और चीन के दीर्घकालिक विकास को सुनिश्चित करने के लिए कई साधनों की विशेषता है।

(अखिल पाराशर, चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

— आईएएनएस

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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