भारत के सबसे उम्रदराज फर्स्ट क्लास क्रिकेटर वसंत रायजी का आज सुबह मुंबई में निधन हो गया। वे 100 साल के थे। उनके दामाद सुदर्शन नानावटी ने मौत की पुष्टि की है, उनका अंतिम संस्कार दक्षिण मुंबई के चंदनवाड़ी श्मशान में होगा।
दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने 40 के दशक में 9 फर्स्ट क्लास मैच खेले थे। इस दौरान उन्होंने 277 रन बनाए थे। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 68 था। उन्होंने 1939 में क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया के लिए डेब्यू किया था।
इसके दो साल बाद उन्होंने मुंबई की तरफ से पहला मैच खेला। विजय मर्चेंट की कप्तानी में टीम ने वेस्टर्न इंडिया के खिलाफ मैच खेला था। रायजी क्रिकेट इतिहासकार होने के साथ ही पेशे से एक चार्टर्ड अकाउंटेंट भी थे।
रायजी जब 13 साल के थे तब भारत ने अपना पहला टेस्ट बॉम्बे जिमखाना में खेला था। इस साल जनवरी में सचिन तेंदुलकर और स्टीव वॉ उनका 100वां जन्मदिन मनाने के लिए उनके घर भी गए थे।
खेल के दिन खत्म होने के बाद रायजी लेखक बने और उन्होंने कई महत्वपूर्ण किताबें लिखी। वह पेशे से अकाउंटेंट थे और इस विषय पर दो किताबें भी लिखी।
दक्षिण बॉम्बे में उनका घर भारतीय क्रिकेट के शुरुआती सालों की किताबों का खजाना के नाम से जाना जाता था। वसंत रायजी दक्षिण मुंबई के वाल्केशवर क्षेत्र में रहते हैं।
बीके गरुड़ाचर की फरवरी 2016 में मृत्यु के बाद वसंत भारत के सबसे उम्रदराज प्रथम-श्रेणी क्रिकेटर बने। उन्होंने इस साल 26 जनवरी को अपना 100वां जन्मदिन मनाया था।
आपको बता दें कि 7 मार्च 2020 को हैंपशायर के जॉन मैनर्स की 106 साल की उम्र में मृत्यु हुई, इसके बाद वह दुनिया के सबसे उम्रदराज प्रथम-श्रेणी क्रिकेटर बने।
मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (एमसीए) के अध्यक्ष विजय पाटिल ने कहा, ‘श्री वसंत रायजी के निधन की खबर सुनकर स्तब्ध हूं। मेरा सौभाग्य रहा कि 100वें जन्मदिन पर उनसे मिल सका।
जहां हमने अपने क्रिकेट इतिहास के बारे में काफी कुछ जाना। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे और उनके परिवार के लिए मेरी गहरी संवेदनाएं हैं।’