वेब सीरीज ‘ट्रांसपैरेंसी..’ दिखाएगी इंडिया अगेंस्ट करप्शन की कहानी

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शिकागो (अमेरिका) 3 अप्रैल (आईएएनएस)| मुनीश रायजादा फिल्म्स ने अपनी पहली डॉक्यूमेंटरी सिरीज ‘ट्रांसपैरेंसी : पारदर्शिता’ का अनावरण किया है।

यह सीरीज भारतीय जनमानस को झकझोर कर रख देने वाले भ्रष्टाचार के खिलाफ गत दशक शुरू होने वाले इंडिया अगेंस्ट करप्शन ( अन्ना आंदोलन) व आंदोलन से निकली पार्टी, आम आदमी पार्टी पर आधारित है. वेब सीरीज के निर्माता-निर्देशक मुनीश रायजादा ने खुद इस पार्टी का हिस्सा रहते हुए कई अहम पदों पर अपनी जिम्मेवारी निभाई है।


रायजादा बताते हैं कि वेब श्रृंखला, ‘ट्रांसपेरेंस : पारदर्शिता’ में आम आदमी पार्टी की कार्यप्रणाली का गहन विश्लेषण है।

शिकागो से डॉ रायजादा ने बताया कि इस वेब सीरीज की कहानी को आम आदमी के इर्द-गिर्द बड़ी ही खूबसूरती से बुना गया है। इसका हर एपिसोड आपको इंडिया अगेंस्ट करप्शन और आम आदमी पार्टी की इनसाइड स्टोरी से रुबरु करायेगा, जो आपने पहले कभी न देखी होगी और न सुनी होगी। परत दर परत जब कहानी रहस्यों पर से पर्दा हटाएगी तो दावा है कि आप चौंके बगैर नहीं रह पाएंगे।

यह डॉक्यूमेंट्री सीरीज आपको एक आम आदमी के उस यात्रा वृतांत को दिखायेगा जो पारदर्शिता की खोज में अनंत यात्रा पर निकलता है।


इस डॉक्यूमेंट्री सीरीज के केंद्र में पोलिटिकल फंडिंग और पार्टी के आधिकारिक वेबसाइट से चंदे का विवरण हटाये जाने के बाद आम आदमी के प्रतीक के रूप में ठगा महसूस कर रहा एंकर है जो मुनीश रायजादा खुद हैं। क्या एंकर को उसके प्रश्न का जवाब मिल पायेगा? क्या केजरीवाल एंकर के सवाल का जवाब दे पाएंगे या नहीं? इस रहस्य पर से पर्दा आखरी एपीसोड में खुलेगा।

डॉ रायजदा के अनुसार, यह कहानी एक सामान्य व्यक्ति की यात्रा को दर्शाती है, जो जवाबदेही और पारदर्शिता की तलाश कर रहा है।

ट्रांसपेरेंसी वेब सीरिज में तीन मधुर गीतों को भी कथा में पिरोया गया है। डॉक्यूमेंटरी सीरिज में गाने पेश करना भारत में एक तरह का नया प्रयोग है।

डॉ रायजदा एक शिकागो-आधारित चिकित्सा विशेषज्ञ (नियोनेटोलॉजिस्ट) हैं, जो भारत में भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के साथ-साथ आम आदमी पार्टी के एक प्रमुख सदस्य के रूप में सक्रिय भागीदार थे। वे स्वयं वृत्तचित्र श्रृंखला के एंकर हैं। इस डॉक्यूमेंटरी के माध्यम से, उन्होंने वास्तविकता दिखाने और राजनीतिक फंडिंग के मुद्दे का पता लगाने की कोशिश की, जिसके कारण उनके जैसे हजारों लोगों और पार्टी के कोर स्वयंसेवकों के विश्वास का नरसंहार हुआ, जिन्होंने भ्रष्टाचार-मुक्त भारत का सपना देखा था।

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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