विदेशी संकेतों, मानसून की प्रगति से तय होगी बाजार की चाल

  • Follow Newsd Hindi On  

 नई दिल्ली, 16 जून (आईएएनएस)| भारतीय शेयर बाजार की चाल इस सप्ताह विदेशी संकेतों और प्रमुख घरेलू कारकों से तय होगी। भू-राजनीतिक तनाव और प्रमुख वैश्विक आर्थिक आंकड़ों का बाजार पर असर देखने को मिलेगा।

  खासतौर से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम और डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल से शेयर बाजार को दिशा मिलेगी।


इसके अलावा, सोमवार से संसद का बजट सत्र आरंभ हो रहा है। देश में नई सरकार के गठन के बाद संसद के सत्र के आरंभ होने पर बाजार राजनीतिक गतिविधियों को घरेलू शेयर बाजार पर असर देखने को मिलेगा। फिलहाल मानसून की प्रगति पर निवेशकों की नजर टिकी हुई है। गौरतलब है कि इस साल मानसून एक सप्ताह विलंब से आया है।

इसके अलावा, बाजार की नजर विदेशी पोर्टफोलियों निवेशकों (एफपीआई) और घरेलू संस्थागत निवेशकों के निवेश रुझान पर भी बाजार की नजर होगी।

पिछले सप्ताह खाड़ी क्षेत्र में तेल वाहक दो जहाजों पर हमले के बाद भू-राजनीतिक तनाव बढ़ गया है। वहीं, अमेरिका-चीन व्यापारिक तनाव से दुनियाभर के शेयर बाजारों में पिछले सप्ताह मंदी का माहौल रहा जिसका असर भारतीय शेयर बाजार पर भी दिखा।


उधर, अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की फेडरल ओपन मार्केट कमेटी की बैठक मंगलवार से शुरू हो रही है और बैठक के नतीजों की घोषणा बुधवार को हो सकती है। फेडरल रिजर्व की बैठक के नतीजे से बाजार को दिशा मिल सकती है। इसके अलावा, अमेरिका में आईएचएस फ्लैश मार्किट यूएस कंपोजिट पीएमआई और आईएचएस फ्लैश मार्किट यूएस सर्विसेज पीएमआई के जून महीने के आंकड़े शुक्रवार को जारी हो सकते हैं। वहीं, बैंक ऑफ जापान और बैंक ऑफ इंग्लैंड गुरुवार को अपने नीतिगत फैसलों की घोषणा करने वाले हैं।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की पिछले दिनों हुई बैठक के ब्योरे (मिनट्स) भी गुरुवार को जारी हो सकते हैं। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक में प्रमुख ब्याज दर (रेपो रेट) में 25 आधार अंकों की कटौती कर इसे छह फीसदी से घटाकर 5.75 फीसदी कर दिया था।

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पर फ़ॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब भी कर सकते हैं.)