विज्ञान महोत्सव से ममता की दूरी पर राज्यपाल ने जताया खेद (लीड-1)

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 कोलकाता, 8 नवंबर (आईएएनएस)| पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने यहां आयोजित पांचवें भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव के समापन समारोह में शुक्रवार को प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की गैर-मौजूदगी पर खेद जताया और कहा कि प्रदेश सरकार अगर इस आयोजन में दिलचस्पी लेती, सहयोग देती और उपस्थित होती तो मेरा मन ज्यादा खुश होता।

  भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव से ममता बनर्जी के दूरी बनाए रखने पर चिंता जताते हुए राज्यपाल ने कहा कि हर बात में राजनीति नहीं होनी चाहिए।


उन्होंने कहा, “राजनीति केवल चुनाव के समय पर ही होनी चाहिए। बहुत अच्छा होता अगर पश्चिम बंगाल सरकार इस आयोजन में दिलचस्पी लेती, सहयोग देती और उपस्थित होती। मुझे अच्छा लगता।”

उन्होंने कहा कि हर चीज को राजनीति के चश्मे से देखना ठीक नहीं है।

सिटी ऑफ जॉय कोलकाता में विज्ञान महोत्सव के आयोजन को ऐतिहासिक पल मानते हुए राज्यपाल धनकड़ ने कहा कि इस मौके पर आयोजित कार्यक्रमों में देश ही नहीं, विदेशों से भी लोग पहुंचे।


उन्होंने कहा कि ज्ञान-विज्ञान की प्रगति से ही देश का विकास होता है, और इसके बिना प्रगति संभव नहीं है।

उन्होंने इस मौके पर मोदी सरकार के कार्यो की सराहना करते हुए कहा, “2014 के बाद देश में परिवर्तन आया है और ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में देश प्रगति के पथ पर अग्रसर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया में भारत का मान बढ़ाया है।”

राज्यपाल धनखड़ चार दिवसीय भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव-2019 के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे।

इस मौके पर केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि विज्ञान महोत्सव के दौरान 28 तरह की गतिविधियों में देश के 706 जिलों से आए प्रतिनिधियों ने किसी न किसी रूप में हिस्सा लिया।

इसके अलावा छह देशों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों व मंत्रियों ने भी इस महोत्सव में हिस्सा लिया, जिनमें भूटान, मालदीव, म्यांमार, दक्षिण कोरिया और ब्रिटेन के प्रतिनिधि शामिल थे।

उन्होंने बताया कि इस मौके पर तीन गिनीज वल्र्ड रिकॉर्ड बनाए गए, जबकि पिछले साल दो ही गिनीज वल्र्ड रिकॉर्ड बने थे।

हर्षवर्धन ने कहा कि भारत विज्ञान के क्षेत्र में आज दुनिया में किसी भी देश से पीछे नहीं है, बल्कि कुछ मामले में भारत के वैज्ञानिक सबसे आगे हैं।

उन्होंने कहा, “हमारे देश के वैज्ञानिक आज सुनामी आने से पहले ही इसका अनुमान लगा लेते हैं और भारत इसमें नंबर वन है।”

उन्होंने कहा कि बीते दिनों चक्रवाती तूफान फेनी के आने से 14 दिन पहले ही इस संबंध में चेतावनी दे दी गई थी, जिसकी सराहना दुनिया के देशों ने की।

हर्षवर्धन ने कहा कि भारत के उत्तरी, पूर्वी, दक्षिणी, और मध्य क्षेत्र में विज्ञान महोत्सव का आयोजन होने के बाद अब अगले साल देश के पश्चिमी हिस्से में इसका आयोजन होगा।

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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