RBI के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने अपने पद से दिया इस्तीफा, 6 महीने बाद पूरा होना था कार्यकाल

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RBI के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने अपने पद से दिया इस्तीफा, 6 महीने बाद पूरा होना था कार्यकाल

RBI के सबसे युवा डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बिजनेस स्टैडर्ड अखबार में छपी खबर के अनुसार, विरल आचार्य ने अपने निर्धारित कार्यकाल से 6 महीने पहले इस्तीफा दे दिया है। गौरतलब है कि रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल के अचानक पद छोड़ने के वक्त से ही आचार्य थोड़े असहज महसूस कर रहे थे। फाइनैंशल सिस्टम्स पर उनका अकादमिक नजरिया बाकियों से अलग होता था।

23 जनवरी 2017 को संभाला था पद

विरल आचार्य को तीन साल के कार्यकाल के लिए 23 जनवरी 2017 को RBI में शामिल किया गया था। वह मौद्रिक नीति विभाग के प्रमुख थे। पिछले छह महीने में रिजर्व बैंक से इस्तीफा देने वाले आचार्य दूसरे बड़े पदाधिकारी हैं। दिसंबर 2018 में RBI के गवर्नर उर्जित पटेल ने सरकार के साथ मतभेदों के कारण कार्यकाल पूरा होने से नौ महीने पहले ही इस्तीफा दे दिया था।


सितंबर 2016 में पटेल को गवर्नर के तौर पर पदोन्नत किये जाने के बाद 23 जनवरी 2018 को आचार्य रिजर्व बैंक से जुड़े। RBI में अब तीन डिप्टी गवर्नर एन. एस. विश्वनाथन, बी. पी. कानूनगो और एम. के. जैन बचे हैं। आचार्य की नियुक्ति तीन साल के लिये हुई थी।

कौन हैं विरल आचार्य

न्यूयार्क विश्वविद्यालय के वित्त विभाग में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर वी वी आचार्य वित्तीय क्षेत्र में प्रणालीगत जोखिम क्षेत्र में विश्लेषण और शोध के लिये जाने जाते हैं। आईआईटी मुंबई के छात्र रहे आचार्य ने 1995 में कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग में स्नातक और न्यूयार्क विश्वविद्यालय से 2001 में वित्त में पीएचडी की है। वर्ष 2001 से 2008 तक आचार्य लंदन बिजनेस स्कूल में रहे।


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