पट्टाया (थाईलैंड), 17 सितम्बर (आईएएनएस)| अनुभवी भारोत्तोलक मीराबाई चानू बुधवार से यहां शुरू हो रही विश्व भारोत्तोलन चैम्पियनशिप में जब भारतीय चुनौती की अगुआई करेंगी तो उनकी नजर 2017 के स्वर्ण पदक जीतने के अपने प्रदर्शन को दोहराने और ओलंपिक कोटा पक्का करने पर टिकी होंगी।
चानू 2017 में विश्व भारोत्तोलन चैम्पियनशिप के 48 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं। वह कमर की चोट के बाद वापसी कर रही हैं।
अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ (आईडब्ल्यूएफ) के वजन वर्गों में बदलाव करने के फैसले के बाद चानू 48 किग्रा की जगह 49 किग्रा भार वर्ग में हिस्सा ले रही हैं।
चानू को चीन की 2018 की रजत पदक विजेता और कांस्य पदक जीतने वाली उनकी हमवतन जियांग हुइहुआ से कड़ी चुनौती मिलने की उम्मीद है।
चानू के अलावा महिला वर्ग में झिली दलबेहरा (45 किग्रा), स्नेहा सोरेन (55 किग्रा)और राखी हलधर (64 किग्रा) भी अपने-अपने भार वर्ग में चुनौती पेश करेंगी।
पुरुषों में सभी की नजरें युवा ओलम्पिक खेलों के स्वर्ण पदक विजेता जेरेमी लालरिननुंगा पर होंगी।
मिजोरम के 16 वर्षीय जेरेमी ने एशियाई चैंपियनशिप में 297 किग्रा (134 और 163) के प्रयास के साथ युवा विश्व और एशियाई रिकार्ड बनाया था।
उनके अलावा राष्ट्रमंडल चैम्पियनशिप के स्वर्ण पदक विजेता अजय सिंह (81 किग्रा) और राष्ट्रीय चैम्पियन अचिंता श्युली (73 किग्रा) भी इसमें भाग लेंगे।
विश्व भारोत्तोलन चैम्पियनशिप के लिए भारतीय टीम :
पुरुष : जेरेमी लालरिननुंगा (67 किग्रा), अचिंता श्युली (73 किग्रा) और अजय सिंह (81 किग्रा)।
महिला : मीराबाई चानू (49 किग्रा), झिली दलबेहरा (45 किग्रा), स्नेहा सोरेन (55 किग्रा) और राखी हल्दर (64 किग्रा)।