पटना, 28 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के एक अधिकारी की लिखी पुस्तक ‘नॉट टू बी मिस्ड’ इन दिनों चर्चा में है। बिहार मानवाधिकार आयोग के सचिव राजेश कुमार ने अपनी इस पुस्तक में दुनिया की 100 बेहतरीन फिल्मों का संकलन किया है, जो उन क्षेत्रों की सभ्यता और संस्कृति को भी प्रदर्शित करती हैं।
भागलपुर के प्रमंडलीय आयुक्त रहे कुमार बताते हैं, “इस पुस्तक में विश्व की विभिन्न भाषा एवं संस्कृति जैसे अंग्रेजी, स्पैनिश, जर्मन, पोलिश, फ्रेंच, अरेबिक, टर्किस, नार्वेजियन सहित 100 महत्वपूर्ण प्रभावशाली फिल्मों को संकलित किया गया है।”
फिल्मों के प्रति रुचि रखने वाले लोगों के लिए इस प्रकार की पुस्तक पहले उपलब्ध नहीं थी।
कुमार कहते हैं, “पुस्तकें पढ़ने तथा अच्छी सिनेमा देखने के प्रति उनका शुरू से ही लगाव रहा। प्रारंभ में मेरी रुचि मुख्य रूप से हिंदी व अंग्रेजी भाषा के सिनेमा के प्रति रही, लेकिन पिछले वर्षो में विश्व की विभिन्न भाषाओं के सिनेमा के प्रति रुचि जगी। खाली समय में ऐसे सिनेमा को देखने एवं समझने का प्रयास नियमित कार्यो का हिस्सा बन गया है।”
उन्होंने बताया कि विश्व की कई भाषाओं की फिल्मों में से 100 चयनित सिनेमा को ‘नॉट टू बी मिस्ड ..’ पुस्तक में जगह दी गई है।
कुमारे ने यह पुस्तक अपने दिवंगत पिता योगनारायण प्रसाद को समर्पित की है।
यह पुस्तक अमेजन डॉट इन पर उपलब्ध है, जिसकी कीमत 349 रुपये हैं, जिसे लोग खूब पसंद कर रहे हैं।
कुमार कहते हैं कि, “इस पुस्तक के द्वितीय भाग पर काम किया जा रहा है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि अगले छह महीने में दूसरा भाग भी पाठकों के लिए उपलब्ध होगा।”
उन्होंने बताया कि विश्व के 100 बेहतरीन पुस्तकों के ऊपर भी एक पुस्तक लिखने की योजना है।
–आईएएनएस
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