विवादास्पद मौलाना ने इस्लामाबाद की लाल मस्जिद पर फिर किया कब्जा

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इस्लामाबाद, 8 फरवरी (आईएएनएस)| बीती दो सरकारों की नाक में दम करने के बाद, एक बार फिर विवादास्पद मौलाना अब्दुल अजीज ने इस्लामाबााद की लाल मस्जिद पर कब्जा कर लिया है। अजीज का कहना है कि सरकारी नियंत्रण वाली इस मस्जिद का उन्हें फिर से इमाम बनाया जाए। इस घटनाक्रम के बाद से इस्लामाबाद के मस्जिद के पास के इलाके में तनाव फैल गया है और मस्जिद के इर्द गिर्द बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात कर मौलाना को बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है। ‘डॉन’ की रिपोर्ट के अनुसार, मौलाना अब्दुल अजीज के साथ उनके जामिया हफ्सा मदरसे की सौ से अधिक छात्राएं भी मस्जिद में मौजूद हैं और मौलाना का समर्थन कर रही हैं। इससे स्थिति और नाजुक हो गई है। चरमपंथी सोच वाले मौलाना अजीज को इस मस्जिद के इमाम के पद से हटा दिया गया था। उनकी मांग है कि उन्हें इस पर पर बहाल किया जाए।

रिपोर्ट में कहा गया है कि मस्जिद में फिलहाल कोई इमाम या उप इमाम नहीं थे। मौके का फायदा उठाकर अजीज दो हफ्ते पहले मस्जिद में दाखिल हो गए। प्रशासन को इस बारे में बताया भी गया लेकिन कोई त्वरित कार्रवाई नहीं हुई और अब नतीजा यह हुआ है कि वह सौ छात्राओं के साथ मस्जिद के बड़े हिस्से को बंद कर अंदर हैं और बाहर सुरक्षाकर्मी मस्जिद की घेराबंदी किए हुए हैं।


अधिकारी मौलाना से बात करने पहुंचे लेकिन मौलाना ने कहा कि वह संघीय मंत्री स्तर के कम किसी व्यक्ति से बात नहीं करेंगे। जुमे की नमाज सख्त पहरे में मस्जिद के एक हिस्से में पढ़ी गई। इस नमाज के बाद किसी को अंदर जाने की इजाजत नहीं दी गई।

मौलाना ने फोन पर डॉन से कहा, “अधिकारियों ने जामिया हफ्सा की जगह खाली करने के लिए कहा है और ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई की धमकी दी है। खाने-पीने के समान की सप्लाई भी रोक दी है। लेकिन, हम इस्लाम के लिए डटे रहेंगे। यह लोग देश में शरीयत को लागू नहीं कर रहे हैं।”

सरकार का कहना है कि जामिया हफ्सा जिस जगह पर बना है, उस पर अवैध कब्जा किया गया था। यह जगह प्राकृतिक पानी का स्रोत थी, जहां मदरसा बना दिया गया।


 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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